Ghazipur Flood News: गाजीपुर (Ghazipur) जिले के मोहम्मदबाद तहसील के सेमरा गांव (Semra village) में साल 2013 में गंगा नदी (Ganga River) में भयंकर बाढ़ (Flood) आई थी. इस बाढ़ ने सेमरा गांव के 558 परिवारों का घर छीन लिया था. आज भी ये लोग बेघर हैं और मोहम्मदाबाद के प्राथमिक विद्यालय (Primary School) और मंडी समिति के भवन में जीवनयापन कर रहे हैं. आज तक इनको अशियाना नसीब नहीं हो सका है, जिसके कारण अब इनके बेटे और बेटियों के अविवाहित (Unmarried) रहने की नौबत आ चुकी है. इन परिवारों के साथ लोग रिश्ता इसलिए नहीं जोड़ना चाहते हैं क्योंकि इनके पास अपना आशियाना (Home) नहीं है.
सुध लेने वाला कोई नहीं
मोहम्मदबाद तहसील के सेमरा गांव में साल 2013 में गंगा का कटान शुरू हो जाने के बाद करीब 558 परिवारों का मकान गंगा में समाहित हो गया या फिर कटान के डर से लोग खुद अपना आशियाना छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए. जिसमें से सैकड़ों परिवार आज मोहम्दाबाद तहसील के पूर्व माध्यमिक विद्यालय और कृषि मंडी में रहने को मजबूर हैं. इस दौरान साल 2013, 2016, 2019 और 2021 कुल मिलाकर ये लोग 4 बाढ देख चुके हैं और इन लोगों को विद्यालय में रहते हुए करीब 8 साल बीत चुके हैं. लेकिन, इन लोग को सुध लेने वाला कोई भी नहीं है.
अविवाहित हैं युवक और युवतियां
लोगों का कहना है कि अगर कोई सुध लेने वाला होता तो इन लोगों को आशियाना मिल गया होता. लेकिन, जिला प्रशासन ने जमीन देने के नाम पर भारी खेल किया और तत्कालीन तहसीलदार ने शासन से आए करीब दो करोड़ के बजट से एक जमीन खरीदी जो गंगा के डूब क्षेत्र में शामिल है. इसके अलावा महिलाओं ने जो सबसे बड़ी समस्या बताई वो ये थी कि विद्यालय में रहने वाले करीब 70 परिवार में 40 से 45 युवक और युवतियां विवाह योग्य हो चुके हैं. लेकिन, उनके विवाह के लिए कोई रिश्तेदार नहीं आता है. कोई आता भी है तो कहता है कि हम अपनी बेटी को इस विद्यालय में रहने के लिए छोड़ेंगे. शादी की उम्र पार कर चुके यहां के युवक और युवतियां अविवाहित हैं.
खरीदी गई है जमीन
वहीं, जब इस बारे में जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से बात की गई उन्होंने बताया कि इन लोगों के लिए शासन की तरफ से जमीन खरीदी गई है. किन कारणों से ये लोग अपनी जगह पर रहने नहीं गए हैं, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है. जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी.
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