एक्सप्लोरर
Advertisement
Ghazipur News: किसानों के इंतजार में खाली पड़े हैं सरकारी गेहूं क्रय केन्द्र, व्यापारियों ने सीधे खेतों से खरीदी फसल
गाजीपुर में किसानों की फसल का सही मूल्य दिलाने के लिए सरकार ने गेहूं क्रय केंद्र खोले हैं लेकिन इस बार ये केन्द्र खाली पड़े हैं क्योंकि किसानों का गेहूं सीधे उनके घर से ही कंपनियां खरीद रही है.
Ghazipur News: किसानों की फसल का सही मूल्य दिलाने के लिए सरकार द्वारा हर साल गेहूं क्रय केंद्र खोला जाता है ताकि किसानों से निर्धारित मूल्य पर खरीदारी किया जा सके. इसी के तहत जनपद गाजीपुर में 69 केंद्र खोले गए हैं और ₹2015 प्रति क्विंटल का एमएसपी किसानों को दिया जा रहा है. बावजूद इसके कई केंद्रों पर किसानों की आवक बहुत ही कम है कारण की किसानों का गेहूं बड़े आढ़तिया और निजी कंपनियों के द्वारा उनके खेतों पर ही एमएसपी मूल्य से अधिक पर खरीदारी कर ली जा रही है. यही वजह है कि अभी तक सरकारी खरीद का लक्ष्य के काफी दूर नजर आ रहा है.
किसान सीधे व्यापारियों को बेच रहे हैं गेहूं
गाजीपुर जनपद में 69 गेहूं क्रय केंद्र के माध्यम से 83,000 मेट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य शासन के द्वारा रखा गया है. किसानों को इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद टोकन मिलने पर गेहूं की खरीदारी की जा रही है. कुछ केंद्रों पर किसान अपना गेहूं बेचते हुए दिख रहे हैं तो वहीं बहुत सारे केंद्र ऐसे भी हैं जहां पर किसानों का अता पता नहीं है. इस बारे में जब किसानों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनका गेहूं 2015 रुपये प्रति क्विंटल के रेट से खरीदा जा रहा है. एक किसान ने बताया कि आईटीसी कंपनी के द्वारा ₹2000 का मूल्य दिया जा रहा है जिसके वजह से बहुत सारे किसान उस कंपनी को अपना गेहूं बेच रहे हैं.
गाजीपुर जनपद में 69 गेहूं क्रय केंद्र के माध्यम से 83,000 मेट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य शासन के द्वारा रखा गया है. किसानों को इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद टोकन मिलने पर गेहूं की खरीदारी की जा रही है. कुछ केंद्रों पर किसान अपना गेहूं बेचते हुए दिख रहे हैं तो वहीं बहुत सारे केंद्र ऐसे भी हैं जहां पर किसानों का अता पता नहीं है. इस बारे में जब किसानों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनका गेहूं 2015 रुपये प्रति क्विंटल के रेट से खरीदा जा रहा है. एक किसान ने बताया कि आईटीसी कंपनी के द्वारा ₹2000 का मूल्य दिया जा रहा है जिसके वजह से बहुत सारे किसान उस कंपनी को अपना गेहूं बेच रहे हैं.
खाली पड़े हैं सरकारी गेहूं क्रय केन्द्र
वहीं इस मामले पर जिला विपणन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले साल 72000 मीट्रिक टन की खरीदारी हुई थी और इस बार 83000 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है लेकिन अब तक सिर्फ 4200 मीट्रिक टन की खरीदारी हो पाई है. इस दौरान उन्होंने बताया कि किसान इन दिनों अपेक्षित गति से गेहूं क्रय केंद्र पर लेकर नहीं आ रहे हैं. किसानों के गेहूं व्यापारी उनके दरवाजे से ही अच्छे मूल्यों पर खरीदारी कर ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि किसानों से बात कर अधिक से अधिक गेहूं केंद्रों पर मंगाया जाए ताकि शासन का लक्ष्य पूरा हो सके.
वहीं इस मामले पर जिला विपणन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले साल 72000 मीट्रिक टन की खरीदारी हुई थी और इस बार 83000 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है लेकिन अब तक सिर्फ 4200 मीट्रिक टन की खरीदारी हो पाई है. इस दौरान उन्होंने बताया कि किसान इन दिनों अपेक्षित गति से गेहूं क्रय केंद्र पर लेकर नहीं आ रहे हैं. किसानों के गेहूं व्यापारी उनके दरवाजे से ही अच्छे मूल्यों पर खरीदारी कर ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि किसानों से बात कर अधिक से अधिक गेहूं केंद्रों पर मंगाया जाए ताकि शासन का लक्ष्य पूरा हो सके.
गेहूं खरीद के लिए सरकार के नए निर्देश
अधिकारी ने बताया कि जनपद में 4 मंडियां हैं और उन मंडियों की रिपोर्ट के अनुसार कहीं भी व्यापारी एमएसपी रेट से नीचे की खरीदारी नहीं कर रहे हैं. आईटीसी कंपनी के द्वारा भी एक केंद्र खोला गया है और उनके द्वारा भी 2040 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा मोबाइल वैन चलाकर खरीदारी करने का निर्देश दिया गया है ऐसे में हम किसानों के संपर्क में हैं. जिस भी गांव में एक ट्रक के आसपास गेहूं बिक्री के लिए है हम वहां पर अपना पूरे संसाधन ले जाकर उनके दरवाजे पर खरीदारी करने का प्रयास करेंगे.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
इंडिया
बॉलीवुड
आईपीएल
Advertisement
संजीव श्रीवास्तव, फॉरेन एक्सपर्ट
Opinion