Ghazipur Medical College News: गाजीपुर मेडिकल कालेज के महिला अस्पताल में आज एक बड़ी लापरवाही सामने आयी है, जहां अस्पताल की लापरवाही की वजह से एक महिला को बरामदे में अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा. बच्चा फिलहाल स्वस्थ है और डिलीवरी के बाद महिला पोस्ट डिलीवरी ट्रीटमेंट देकर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है.


करंडा थाना क्षेत्र के एक गांव की गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर करंडा स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे. स्वास्थ्य केंद्र पर प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे गाजीपुर मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया.


परिजनों के हंगामे के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया


परिजन महिला को लेकर मेडिकल कालेज के महिला अस्पताल पहुंचे, जहां डाक्टरों ने उपचार करने की बजाय उसको वहां से भी रेफर कर दिया. इसी बीच महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ी और उसने अस्पताल के बरामदे में ही बच्चे को जन्म दे दिया. इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया तो उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसका पोस्ट डिलीवरी ट्रीटमेंट हुआ और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.


महिला को डॉक्टर ने क्यों रेफर किया?


जब इस बारे में वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से बात की गई तो उनका कहना था कि महिला की बीपी 170/110 थी और अस्पताल में आईसीयू की सुविधा नहीं है, जिसकी वजह से उसको यहां से रेफर किया गया था. इतनी हाई बीपी की वजह से महिला को झटके आ सकते थे, जिसकी वजह से उसको रेफर किया गया था.


डॉक्टर का कहना है कि रात करीब 11.40 बजे महिला को रेफर किया गया था, लेकिन महिला को उसके परिजन नीचे लेकर गए और इसकी सूचना उन्होंने अस्पताल को नहीं दी. डॉक्टर का कहना है कि महिला डिलीवरी के बाद वहां पहुंची थी.


अस्पताल के बरामदे में ही हो गई महिला की डिलीवरी 


फिलहाल जच्चा-बच्चा स्वस्थ जरूर हैं, लेकिन मेडिकल कालेज के अस्पताल में आईसीयू जैसी जरूरी सुविधा का न होना स्वास्थ्य विभाग पर बड़ा सवाल करता है. महिला को आईसीयू नहीं होने की वजह से रेफर कर दिया गया और उसके परिजन उसे कहीं और ले जा पाते उससे पहले ही उसकी डिलीवरी हो गयी.


गाजीपुर अस्पताल की आई बड़ी लापरवाही सामने 


ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर का कहना है कि महिला डिलीवरी के बाद वहां पहुची थी जबकि डिलीवरी रात के करीब 1.30 पर हुई जबकि महिला को अस्पताल से 11.40 बजे ही रेफर कर दिया गया था. ऐसा डाक्टर का ही कहना है. डाक्टर अपने बचाव में जो भी तर्क दें, लेकिन इस मामले में अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आयी है, जिसकी वजह से जच्चा-बच्चा की जान खतरे में पड़ सकती थी.


(गाजीपुर से आशुतोष त्रिपाठी की रिपोर्ट)


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