असमंजस में अफजाल अंसारी, नहीं करेंगे बेटी नुसरत को वोट देने की अपील! चुनावी रेस से हुईं बाहर?
UP Politics: अफजाल अंसारी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में दोपहर दो बजे से सुनवाई होगी.
Ghazipur Lok Sabha Election 2024: गाजीपुर सीट से सांसद और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफ़ज़ाल अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उनका सियासी भविष्य इलाहाबाद हाईकोर्ट से जल्द आने वाले फैसले पर टिका हुआ है. हाईकोर्ट में आज भी मामले की सुनवाई होनी है, जबकि गाजीपुर सीट पर वोटिंग में अब सिर्फ चार दिनों का वक़्त बचा हुआ है. पिछले काफी दिनों से यह सस्पेंस बना हुआ था कि चार साल की सजा पाने के चलते अफजाल अंसारी गाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे या नहीं.
हाईकोर्ट में केस पेंडिंग होने के चलते अफजाल खुद तो समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एहतियातन उन्होंने अपनी बेटी नुसरत को भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करा दिया था. गाजीपुर सीट पर नामांकन की समय सीमा ख़त्म होने के बाद भी यह उहापोह था कि अदालत का फैसला खिलाफ आने पर कहीं अफजाल जनता से अपने बजाय बेटी नुसरत को वोट देने की अपील न कर दें.
बहरहाल ABP NEWS के पास अब इस बात की पुख्ता और EXCLUSIVE जानकारी है कि हाईकोर्ट का फैसला पेंडिंग रहे या फिर उनके खिलाफ आए, लेकिन अफजाल अंसारी अब चुनाव मैदान से नहीं हटेंगे और वह खुद ही चुनाव लड़ेंगे. अफजाल अंसारी ने यह फैसला परिवार - पार्टी और अपने वकीलों की राय के बाद लिया है.
दरअसल हाईकोर्ट में अफजाल के मुक़दमे की पैरवी कर रहे वकीलों ने राय दी है कि अगर उन्हें हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली और उनकी अर्जी खारिज हो गई तो भी सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह गाजीपुर के ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई थी, उसी तरह हाईकोर्ट के आदेश पर भी राहत दे सकता है. अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी सज़ा रद्द नहीं की तो जीतने की स्थिति में उनकी सदस्यता रद्द होगी और गाजीपुर सीट पर दोबारा चुनाव होगा. दोबारा चुनाव की नौबत आने पर वह बेटी नुसरत अंसारी को मैदान में उतारेंगे.
C-Voter के फाउंडर का दावा- 'BJP को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा, इन सांसदों की स्थिति अच्छी नहीं'
अफजाल अंसारी की ये है रणनीति?
अफजाल अंसारी का मानना है कि दोबारा चुनाव होने पर बेटी नुसरत के साथ लोगों की सहानुभूति हो जाएगी और वह भी चुनाव जीत सकती हैं. ABP NEWS को मिली जानकारी के मुताबिक़ अब यह लगभग तय है कि हाईकोर्ट का फैसला वोटिंग से पहले आए या न आए या फिर उन्हें राहत मिले या न मिले, लेकिन अफजाल अंसारी चुनाव मैदान में डटे रहेंगे. वह जनता से अपनी जगह बेटी नुसरत को वोट देने की अपील अब कतई नहीं करेंगे.
अफजाल ने पार्टी के नेताओं और कानूनी जानकारों से जो सलाह ली है, उसमे यही नतीजा निकला है कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही बेटी नुसरत को पूरे वोट ट्रांसफर नहीं हो सकेंगे, क्योंकि तमाम वोटर साइकिल का सिंबल देखकर वहीं वोट कर देंगे और चुनाव फंस जाएगा.
बहरहाल अफजाल अंसारी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में दोपहर दो बजे से सुनवाई होगी. आज की सुनवाई में अफजाल अंसारी के साथ ही यूपी सरकार और बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के परिवार की तरफ से कोर्ट में अतिरिक्त दलीलें पेश की जाएंगी. सुनवाई पूरी होने की सूरत में अदालत अपना जजमेंट रिजर्व कर लेगी.
अफजाल अंसारी को पिछले साल उनतीस अप्रैल को गैंगस्टर के एक मामले में चार साल की सजा मिली थी. सजायाफ्ता होने की वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने की वजह से उनकी सांसदी बहाल हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को तीस जून तक अफजाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने को कहा था.