Afzal Ansari News: माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और गाज़ीपुर सीट से सांसद अफजाल अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. लोकसभा के मौजूदा चुनाव में उनकी उम्मीदवारी अब खतरे में पड़ती हुई नजर आ रही है. अफजाल अंसारी के खिलाफ अब यूपी सरकार ने भी मोर्चा खोल दिया है. यूपी सरकार ने अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दी है. यूपी सरकार की इस अपील के चलते अफजाल अंसारी की याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी.
हाईकोर्ट अब कल यानी तीन मई को सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा. इस मामले में मौत के घाट उतारे जा चुके बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के परिवार ने भी अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर पहले से ही अर्जी दाखिल कर रखी है. गौरतलब है कि अगर अफजाल अंसारी को जल्द ही इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली और उनकी सजा रद्द नहीं हुई तो उनकी उम्मीदवारी खतरे में पड़ जाएगी और वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
अफजाल अंसारी जिस गाज़ीपुर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए हैं, वहां नामांकन की अंतिम तिथि 14 मई है. गैंगस्टर मामले में मिली चार साल की सजा के खिलाफ दाखिल की गई अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई अभी शुरू ही नहीं हो सकी है. अफजाल अंसारी ने सजा को रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले साल ही याचिका दाखिल की थी, जबकि कृष्णानंद राय के परिवार और यूपी सरकार ने 4 साल की सजा को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की है. हाईकोर्ट में अब तीनों अर्जियों पर एक साथ सुनवाई होगी. अंतिम सुनवाई तीन से चार कार्य दिवसों में पूरी होने की उम्मीद है. कहा जा सकता है कि अफजाल अंसारी को अगर जल्द ही हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली और उनकी सजा रद्द नहीं हुई तो वह लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
अफजाल के लिए सबसे बड़ी दिक्कत क्या?
अफजाल अंसारी के लिए सबसे दिक्कत की बात यह है कि सजा कम होने से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि गैंगस्टर के जिस मामले में उन्हें दोषी ठहरा कर 4 साल की सजा सुनाई गई है, उसमें न्यूनतम सजा दो साल की ही होती है. पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत दो या दो साल से ज्यादा की सजा पाने वाला कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है.
अफजाल अंसारी को गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट ने पिछले साल 29 अप्रैल को गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी. 4 साल की सजा मिलने की वजह से ही अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा था और उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी. हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को जमानत दे दी थी और
अफजाल अंसारी की 4 साल की सजा पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक लगाए जाने के बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता बहाल हो गई है. समाजवादी पार्टी ने उन्हें गाजीपुर से लोकसभा का उम्मीदवार भी बनाया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक हाईकोर्ट को इस मामले को 30 जून तक निस्तारित कर देना है.