Ghazipur News: 'महाराजा सुहेलदेव को सिर्फ बीजेपी ने ही सम्मान दिया' - कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर
UP News: महाराजा सुहेलदेव विजय दिवस मनाने पहुंचे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बयान देते हुए कहा कि सुभासपा की मेहनत है कि आज सभी दल महाराजा सुहेलदेव का विजय दिवस मना रहे.
Maharaja Suheldev Victory Day: 10 जून को महाराजा सुहेलदेव का विजय दिवस आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. वहीं गाजीपुर जनपद की बात करें तो एक तरफ जहां ओमप्रकाश राजभर महाराजा सुहेलदेव का विजय दिवस सोनहरिया वन में स्थित उनकी मूर्ति पर मनाया. तो दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर गाजीपुर के आईटीआई मैदान में विजय दिवस मनाया मंत्री अनिल राजभर ओमप्रकाश राजभर पर जमकर बरसते हुए उनके पीले झंडे और गमछे को राजभर समाज का कफन कह डाला. तो दूसरी ओर उसी पीले रंग की कुर्सी पर अपने कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को बैठाने का भी प्रबंध कराए.
खबर गाजीपुर से है. जहां महाराजा सुहेलदेव विजय दिवस मनाने पहुंचे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बयान देते हुए कहा कि सुभासपा की मेहनत है कि आज सभी दल महाराजा सुहेलदेव का विजय दिवस मना रहे. ओपी राजभर ने कहा कि आज राष्ट्रपति,पीएम से लेकर सीएम की जुबान पर महाराजा सुहेलदेव का नाम है,ये हमारी उपलब्धि है. वही ओमप्रकाश राजभर ने महाराजा सुहेलदेव के विजय पर्व के अवसर पर अपने समाज के लोगों से प्रत्येक घर में 10 दीप जलाने की भी अपील की. ताकि अपने समाज के महापुरुष को हम याद कर सके और हमारी आने वाली पीढ़ी अभी उन्हें जाने.
इन लोगो को भेजा निमंत्रण
ओपी राजभर ने बीजेपी से अपनी बढ़ती नजदीकियों के सवाल को टाल गए.अपने बेटे की शादी में पीएम को निमंत्रण के सवाल पर ओपी राजभर ने कहा कि हमने मोदी जी,योगी जी,राहुल जी,अखिलेश जी,मायावती जी सबको निमंत्रण भेजा है.ओपी राजभर महाराजा सुहेलदेव के विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने गाजीपुर पहुंचे थे.
वही अखिलेश यादव के द्वारा आज एक ट्वीट किया गया था जिसमें आसुरी शक्तियां बढ़ने पर अत्याचार बढ़ने की बात कही गई थी. जिस पर ओमप्रकाश राजभर ने बोलते हुए कहा कि अखिलेश यादव अपना समय याद करें उनकी सरकार में क्या हुआ करती थी. क्या उनके सरकार ने जुल्म और ज्यादती बंद थी थाने से अपराधी छुड़ाए जा रहे थे और अपराधियों को जेल से छोड़ा जा रहा था ऐसे में कौन असुर है इसके बारे में अखिलेश यादव ही बता सकते हैं.
महाराजा सुहेलदेव की स्मृति में विजय दिवस मनाया.
वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर गाजीपुर के आरटीआई के मैदान में महाराजा सुहेलदेव विजय उत्सव मनाया और इस कार्यक्रम में अनिल राजभर ने ओमप्रकाश राजभर को असलम राजभर कहते हुए अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा कि मैंने बलिया में कहा था कि पीला झंडा और पीला गमछा आपके लिए कफन कफन है. इसे आप उतार दे क्योंकि इस व्यक्ति ने 20 साल से पार्टी बनाई लेकिन अभी विधायक नहीं बना पाया लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन किया और मंत्री भी बना . अगर अनिल राजभर के कार्यक्रम की बात करें तो लोगों के बैठने के लिए जो कुर्सी लगाई गई थी, वह सभी की सभी पीली कुर्सियां थी. जबकि अनिल राजभर पीले रंग को राजभर समाज का कफन भी बता रहे हैं.
गाजीपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया
वही मीडिया से बातचीत करते हुए अनिल राजभर ने कहा कि पूरे प्रदेश में महाराजा सुहेलदेव का विजय उत्सव मनाया जा रहा है. समाज के लोगों ने आज महाराजा सुहेलदेव को श्रद्धांजलि देने का काम किया है. आज एक केंद्रीय कार्यक्रम के माध्यम से गाजीपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, उन्होंने बताया कि आज विजय दिवस पर भारतीय जनता पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने बधाई दिया है, लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ से एक हरकत की गई है. महाराजा सुहेलदेव के नाम के आगे कुछ जोड़ा गया है जो काफी निंदनीय है.
जभर समाज ने विजय दिवस मनाया
अखिलेश यादव के द्वारा आसुरी शक्ति बढ़ने पर अत्याचार बढ़ेगा इस पर उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने आसुरी शक्तियों को नेस्तनाबूद कर दिया था. वह लोग बेवजह भ्रम पाल रहे हैं की हम फिर से पनप जाएंगे. आज राजभर समाज के द्वारा अलग-अलग विजय दिवस मनाया गया. इस पर उन्होंने कहा कि यह तो हमारा अभियान है और हमारा प्रयास है कि अब यह आगे गांव-गांव मनाया जाए.
अनिल राजभर ने कहा अहम बात
ओमप्रकाश राजभर के द्वारा अपने कार्यक्रम में राजभर समाज के लोगों से अपने घरों में आज 10 दीपक जलाने की बात कही गई. जिस पर अनिल राजभर ने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें महाराजा सुहेलदेव का नाम लेने का भी अधिकार नहीं है. महाराजा सुहेलदेव के नाम पर 20 साल से पार्टी बनाकर समाज को ठग रहे हैं. वह महाराजा सुहेलदेव के नाम के सम्मान के साथ बार-बार समझौता करते हैं.
पिछले दिनों गाजी के मजार पर चले गए आप मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को उनकी पार्टी से गठबंधन कर उन्हें मुख्यमंत्री बना रहे थे. वह एक बार नहीं सैकड़ों बार महाराजा सुहेलदेव के सम्मान के साथ समझौता करने का काम किया है. इसलिए उन के नाम से महाराजा सुहेलदेव का नाम शोभा नहीं देता. वह जाकर ओवैसी और गाजी का नाम ले यही उनके लिए बेहतर है.