Ghazipur News: गाजीपुर के इस गांव में संकट खड़ा कर सकता है बाढ़ का पानी, विभाग ने नहीं उठाया कोई कदम
मोहम्मदाबाद तहसील के सेमरा गांव में इस साल फिर से बाढ़ का पानी संकट खड़ा कर सकता है. यहां गंगा किनारे बने बोल्डर और पीचिंग टूट चुके हैं. इसके बाद लगाया गया जिओ ट्यूब बैग फट चुका है.
UP News: गाजीपुर के मोहम्मदाबाद तहसील के सेमरा गांव जहां साल 2012 से लगातार गंगा का कटान हो रहा है. इसी कटान को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए का बजट देखकर बोल्डर और पिचिंग का कार्य कराया गया. उसके बाद 2016 में गंगा ने एक बार फिर से बने हुए बोल्डर और पीचिंग को तोड़ दिया. जिसके बाद बोल्डर और पिचिंग को बचाने के लिए गंगा किनारे जियो ट्यूब बैग लगाया गया. जिससे कि गंगा में बाढ़ के समय पानी के करंट को कम किया जा सके, जिससे बोल्डर और पिचिंग को कम नुकसान हो.
लेकिन मौजूदा समय में पिछले कई महीने से गंगा किनारे लगाया गया जिओ ट्यूब बैग फट चुका है और इस बैग को बदलने या मरम्मत करने के लिए विभाग के द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. जबकि 15 जून के बाद से मानसून का अलर्ट हो जाता है और उसके बाद गंगा में बाढ़ आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में यदि इस बार गंगा में बाढ़ आया तो गांव का बड़ा नुकसान हो सकता है.
मुख्यमंत्री को दिया गया ज्ञापन
इस मामले पर गांव बचाओ संघर्ष समिति के मनोज राय और डब्लु राय ने बताया कि गांव पर क्या असर पड़ता है, उन्होंने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही यहां पर आए विभागीय अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दिया गया था. उन्होंने बताया कि पिछली बार बाढ़ के पानी में करंट होने की वजह से जियो ट्यूब बैग में भरा हुआ बालू निकलकर बह गया है. वह पूरी तरह से खाली हो चुका है और बहुत सारे बैग फट चुके हैं. जिसके वजह से बोल्डर और पिचिंग टूट कर बिखर भी रहा है. जिसको लेकर गांव बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को दिया गया था. जिसके बाद शासन की तरफ से जब निर्देश आया लेकिन विभागीय अधिकारी जो है इसकी मरम्मत के लिए बजट का नहीं होने का रोना रो रहे हैं.
वहीं गंगा कटान से प्रभावित गांव के निवासी प्रेम नाथ गुप्ता ने बताया कि कटान को रोकने के लिए गांव वालों ने काफी संघर्ष किया. जिसके फलस्वरूप शासन से करोड़ों रुपए मिले मौजूदा समय में जियो ट्यूब बैक काफी फट चुके हैं और बिखर चुके हैं. लेकिन मरम्मत नहीं होने की वजह से आने वाले समय काफी भयावह हो सकता है. यदि बाढ़ से पहले इसकी मरम्मत नहीं कराई गई तो हो सकता है कि गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो जाए, इसकी मरम्मत को लेकर सिंचाई विभाग के द्वारा लगातार लीपापोती किया जा रहा है.
वहीं इस संबंध में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता खंड एक के अधिकारी राजेंद्र चौधरी ने कहा कि इस संबंध में बोलने का अधिकार मेरे पास नहीं है. वहीं बाद में उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन दिनों के बाद इसकी जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा. जनपद के दौरे पर आए बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि आपके द्वारा इस मामले को मेरे संज्ञान में लाया गया है. इस संबंध में विभाग से वार्ता कर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि कटान पीड़ित गांव सेमरा बलिया लोकसभा क्षेत्र में आता है.