Ghazipur May change into Gandhipur: प्रदेश में इन दिनों शहरों के नाम बदलने की होड़ मची हुई है. हर कोई अपने शहर और जनपद का नाम बदलना चाहता है. इसी कड़ी में गाजीपुर की सदर विधायक ने 10 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र सौंपा है. जिसमें उन्होंने गाजीपुर का नाम गांधीपुरी या गांधीपुर करने की मांग किया है. यह मांग पत्र उन्होंने काशी क्षेत्र के विधायकों की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा है. इसके पूर्व गाजीपुर के रहने वाले भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव के द्वारा भी इस जनपद का नाम गांधीपुर किए जाने का मामला उठाया गया था. तब उन्होंने इस संबंध में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र सौंपा था.


गांधीपुर के नाम से जाना जाता था..


गाजीपुर की सदर विधायक व सहकारिता राज्यमंत्री ने एबीपी गंगा को बताया कि, बहुत सारे जनपदों का नाम मुस्लिम शासकों के नाम पर मुस्लिम शासन काल में बदले गए हैं. उन्हीं नामों में गाजीपुर का भी नाम भी है. सन 1330 में सैयद गाजी के नाम पर जनपद का नाम गाजीपुर किया गया था, जबकि उसके पहले जनपद को गांधीपुर के नाम से जाना जाता था. उन्होंने बताया कि, महर्षि विश्वामित्र के पिता राजा गांधी जिनका जन्म भूमि और कर्म भूमि भी गाजीपुर रहा है. और आज उनका किले का अवशेष भी शहर के चीतनाथ इलाके में देखने को मिलता है. जो कोट मोहल्ले के नाम से शुमार है. इसी मोहल्ले में राजा गांधी के द्वारा स्थापित प्राचीन हनुमान का मंदिर भी है. जिनका पहले पैर नहीं दिखता था, क्योंकि उनका एक पैर जमीन के अंदर और एक पैर घुटने के पास से मुड़ा हुआ है लेकिन अब उस हनुमान की मूर्ति भी लोगों को दिख रही है.




ये था इतिहास


डॉ संगीता बलवंत ने अपने पत्र में भगवान राम और लक्ष्मण के साथ ही महाराजा दशरथ का भी उल्लेख किया है. इसके अलावा श्रवण कुमार को राजा दशरथ के शब्दभेदी बाण से मारने और वह स्थान आज महार धाम के नाम से जाना जाता है, इसका भी उल्लेख किया गया है. साथ ही महर्षि परशुराम और उनके पिता जमदग्नि ऋषि के आश्रम जो जमानिया इलाके में विराजमान है, उसका भी उल्लेख किया गया है. साथ ही यह भी बताया गया है कि 1330 में सैयद गाजी के नाम पर गांधीपुर का नाम बदलकर गाजीपुर कर दिया गया था.


उन्होंने बातचीत के दौरान बताया और अपने पत्र में भी लिखा है कि महर्षि विश्वामित्र की पुत्री शकुंतला से जन्मे राजा भरत जिनका जन्म स्थान करंडा इलाके में है. जहां पर महर्षि कण्व के आश्रम में राजा भरत की परवरिश हुई थी, जिनके नाम पर देश का नाम भारत भी पड़ा, इसलिए गाजीपुर का नाम गाजीपुर होना जरूरी है.



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