Ghazipur: अधिकारियों ने मृत घोषित किया, 'जिंदा' होने के लिए इधर-उधर भटक रहा किसान पहुंचा DM के पास
सर्वे कार्य में लगे हुए अधिकारी और कर्मचारियों ने घर बैठे लोगों का सर्वे करना शुरू कर दिया. जिसका नतीजा यह निकला कि जीवित किसान को भी पोर्टल पर मृत घोषित कर दिया गया.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. लेकिन इसमें बहुत सारे अपात्र लोगों ने इसका लाभ उठाना शुरू कर दिया. जिसको लेकर विभाग की ओर से इस योजना को आधार से जोड़ने के साथ ही सर्वे करने का काम किया गया, ताकि आपात्रों को चिन्हित किया जा सके. लेकिन अब मामला कुछ उलटा ही सामने आया है. विभाग की लापरवाही ने एक जीवित किसान को ही मृत्य घोषित कर दिया.
घर बैठे कर रहे सर्वे
मामला गाजीपुर का है, जहां सर्वे कार्य में लगे हुए अधिकारी और कर्मचारियों ने घर बैठे लोगों का सर्वे करना शुरू कर दिया. जिसका नतीजा यह निकला कि जीवित किसान को भी अपने पोर्टल पर मृत घोषित कर कर दिया गया. जिसको लेकर आज एक किसान जिलाधिकारी के जनता दर्शन में पहुंचा और वह अपने आप को जिलाधिकारी से जिंदा कराने की गुहार लगाते हुए देखा गया.
मृतक घोषित किए जा चुके पतंजलि चौबे ने बताया कि उसे करीब डेढ़ साल तक किसान सम्मान निधि का लाभ मिला. पिछले 1 साल से सम्मान निधि नहीं मिल रही है. जब वह उपनिदेशक कृषि कार्यालय गया तब उसे पता चला कि वह तो मृत हो चुका है. वहां के कर्मचारियों और अधिकारियों ने बताया कि वो किसी को मृत घोषित कर सकते हैं, लेकिन वह किसी को जिंदा नहीं दिखा सकते. जिसको लेकर मैं आज जिलाधिकारी के पास आया हूं. अधिकारियों की ओर से बताया कि पिछले साल उन्होंने सर्वे कराया था जिसमें करीब डेढ़ दर्जन किसान मृतक हो गए थे, जो जिंदा थे. उनकी जांच करा कर रिपोर्ट मंगा ली गई है और पोर्टल पर अपलोड होना बाकी है. जल्द ही पोर्टल पर अपलोड हो जाएगा.
ये भी पढ़ें
मालूम हो कि हाल ही में हरियाणा के रोहतक में एक 102 साल के बुज़ुर्ग का वीडियो वायरल हुआ था. दरअसल, बुजुर्ग को कागजों में मृत घोषित कर उसकी बुढ़ापा पेंशन बंद कर दी गई थी. इसके बाद बुजुर्ग ने खुद को जिंदा बताने के लिए गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली.