UP Crime News: गाजीपुर में बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी महंगी पड़ गई. पुलिस, स्वाट और सर्विलांस टीम ने जंगीपुर से नौकरी की आड़ में ठगी करने वाले तीन लोगों को आज धर दबोचा. पकड़े गए आरोपियों में पति-पत्नी भी शामिल हैं. दंपति समेत तीनों लोग नौकरी के नाम पर फर्जी लेटर थमा देते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी जॉइनिंग लेटर और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं. पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 24 लाख की ठगी कर चुके हैं. पूछताछ में एक ठग की पहचान कमलाकांत सिद्धार्थ के तौर पर हुई है. कमलाकांत सिद्धार्थ गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र का रहने वाला है.
सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी
दंपति मीता तिवारी और अंकुश तिवारी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं. ठगी के शिकार हुए लोगों ने जंगीपुर पुलिस को शिकायत की थी. रोजगार के सपने दिखाकर पीड़ितों से मोटी रकम की वसूली होती थी. रकम मिल जाने के बाद आरोपी फर्जी जॉइनिंग लेटर भी थमा देते थे. बताया जाता है कि सचिवालय का कर्मी या मंत्री का निजी सचिव बताकर लोगों को फंसाया जाता था. भोले भाले लोगों को आरोपी विश्वास दिलाते थे कि मंत्री कोटे से नौकरी मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि आरोपी रेलवे और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का कारोबार कर रहे थे.
पति-पत्नी समेत तीन लोग दबोचे गए
पीड़ितों की शिकायत के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई. बारीकी से छानबीन कर पता चला कि आरोपियों ने काफी लोगों को नौकरी का झांसा देकर चूना लगाया है. पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने गिरफ्तारी के बाद प्रेस वार्ता में खुलासा किया. उन्होंने मीडिया को बताया कि आरोपी नौकरी का फर्जी जॉइनिंग लेटर भी दिला देते थे. फर्जी जॉइनिंग लेटर दिलाने के बाद बहुत सारे लोगों को आरोपी कोलकाता में ट्रेनिंग भी करा चुके हैं. आरोपियों के पास से पुलिस ने तीन फर्जी जॉइनिंग लेटर, ईस्टर्न रेलवे डीआरएम ऑफिस सियालदह और कार्यालय महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश से जारी संविदा के स्थायीकरण का भरा हुआ आवेदन पत्र और तीन मोबाइल बरामद हुए हैं.