UP News: 5 जुलाई को पूरे प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के द्वारा वृहद वृक्षारोपण जन आंदोलन चलाकर किया जा रहा था. उसी दिन गाजीपुर (Ghazipur) के सैदपुर (Saidpur) तहसील के विक्रमपुर (Vikrampur) गांव में दबंग ग्राम प्रधान पति के द्वारा सैकड़ों हरे पेड़ काटने का काम किया गया. जिसकी शिकायत गांव के ही डब्बू सिंह के द्वारा वन विभाग को किया गया. जिसके बाद वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान को नोटिस जारी किया है. साथ ही साथ तीन लाख का जुर्माना भी लगाया है.
अब हुआ एक्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा पांच जुलाई को पूरे प्रदेश में करोड़ों पेड़ लगाकर हरियाली लाने का अभियान चलाया. लेकिन उसे धता देते हुए ग्राम सभा के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के द्वारा अमृत सरोवर के निर्माण के नाम पर ग्राम सभा की जमीन पर लगाए गए, सैकड़ों हरे पेड़ जो प्रतिबंधित प्रजाति के हैं. उन्हें अपने दबंगई के दम पर काटने का काम किया. इस हरे पेड़ काटने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. जिसमें ग्राम प्रधान पति और उनके लोगों के द्वारा हाथों में राइफल बंदूक वर्षों से लैस होकर पीड़ित को डराया और धमकाया गया.
उसके बाद हरे पेड़ों को काट डाला गया, जिसकी शिकायत गांव के ही डब्बू सिंह जिनके परिजनों ने उक्त पेड़ो को लगाया था, उन्होंने विभागीय अधिकारियों को किया. विभागीय अधिकारियों ने भी दबंग ग्राम प्रधान को नोटिस जारी करते हुए धारा 4/10 और धारा 3/28 के तहत कार्रवाई करते हुए तीन लाख का जुर्माना आरोपित किया है. उन्हें तीन दिन में अदा करने हैं. इन तीन दिनों के दौरान यदि जुर्माना राशि अदा नहीं करते हैं तो पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान पति के द्वारा जो हरे पेड़ कटवाए गए थे. उसकी बरामदगी भी नहीं हो पाई. जिसके चलते ग्राम प्रधान पति पर जुर्माना लगाया गया है.
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क्या बोले डीएफओ?
डीएफओ गाजीपुर प्रदीप ने जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही ये मामला हमारे संज्ञान में आया कि विक्रमपुर गांव में कुछ वृक्ष काट दिए गए हैं. हमने वहां तत्काल अपने स्टाफ को भेजा तो पता चला कि वहां पर एक अमृत सरोवर का निर्माण हो रहा है. जिसमें उस एरिया की नपत की जा रही थी. वहां के प्रधान हैं, उन्होंने वहां अमृत सरोवर के निर्माण के लिए साफ-सफाई के लिए वृक्षों को काटा. जैसे ही हमारे संज्ञान में आया तो हमने स्टाफ से उसका मूल्यांकन कराया.
सुसंगत धाराओं में विभागीय केस दर्ज किया है. जो भी दंड अधियमित हैं उस पर लगाया है. प्रधान को हमने उससे संबंधित नोटिस दिया था. नोटिस के आधार पर वो हमारे यहां उपस्थित हुए थे. उस नोटिस के जवाब में उन्होंने एक माफीनामा प्रस्तुत किया है. ये भी कहा है कि अगर विभाग द्वारा इस पर कोई जुर्माना होगा वो देने को तैयार हैं. अगर वो नियत समय पर जुर्माना नहीं देते हैं तो तब उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
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