Uttar Pradesh News: यूपी के गाजीपुर (Ghazipur) में कासिमाबाद कोतवाली क्षेत्र के कोड़रा और बारापुर गांव में रविवार को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की शिकायत पर पुलिस ने ईसाई धर्म (Christianity) का प्रचार प्रसार और लोगों को धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) के लिए बरगला रहे पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. भारी मात्रा में प्रचार सामग्री के साथ ही साहित्य और बाइबल (Bible) बरामद हुई. इस दौरान कई गांवों की महिलाएं और पुरुष मौजूद मिले.


अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह अन्य पदाधिकारियों के साथ कासिमाबाद चौक पर सुबह संगठन से संबंधित लोगों से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान सूचना मिली कि दो गांवों में अस्थायी चर्च बनाकर लंबे समय से धर्म परिवर्तन का काम चल रहा है. वहां काफी संख्या में महिला और पुरुषों को एकत्र कर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. इसके बाद क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने एसडीएम से मुलाकात की और घटना की जानकारी दी. 


इसके बाद नोनहरा, मरदह, कासिमाबाद पुलिस कोड़रा गांव स्थित अस्थाई चर्च पहुंची, जहां काफी संख्या में महिलाएं मौजूद मिलीं. वहां धर्म परिवर्तन के लिए एक व्यक्ति द्वारा महिलाओं और पुरुषों को बरगलाने का काम किया जा रहा था. इसी तरह का कार्य बारापुर स्थित अस्थायी चर्च में भी हो रहा था. पुलिस ने मौके से धर्म से जुड़े प्रचार सामग्री और साहित्य को बरामद किया है. 


किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने दोनों जगहों मुहम्मदाबााद कोतवाली क्षेत्र के तमलपुरा गांव निवासी रमेश, तमिलनाडू के कोयंबटूर निवासी क्रीवेंद्रम और उसकी पत्नी एल मंजू क्रीवेंद्रम, शक्करपुर कला गांव निवासी त्रिभुवन कुमार, मरदह थाना क्षेत्र के दुर्खुसी गांव निवासी संजय कुमार को गिरफ्तार किया.


एएसपी ने क्या बताया
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बलवंत कुमार चौधरी ने बताया कि धर्म परिवर्तन कराना गैरकानूनी है. अवैध रूप से चलाए जा रहे चर्च में भारी मात्रा में ईसाई धर्म से जुड़े साहित्य, बाइबिल और प्रचार सामग्री मिली हैं. पुलिस कार्रवाई कर रही है. गिरफ्तार पांच लोगों का चालान किया गया है.


अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने में कोई एतराज नहीं है. ये लोग धर्म परिवर्तन करने के बाद केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सभी सुविधाएं और आरक्षण का लाभ दलित और पिछड़ा बनकर ले रहे हैं, यह गलत है. ईसाई मिशनरियां प्रलोभन के बल पर लोगों को गुमराह कर रही हैं. ये लोग क्षेत्र के दर्जनों गांव में अस्थायी चर्च बनाकर लोगों को ईसाई धर्म स्वीकार कराने में वर्षों से लगे हैं.


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