Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों (UP Government schools) में पढ़ने वाले छात्रों को योजनाओं (UP Government schemes) का लाभ उन्हें डीबीटी (DBT) के माध्यम से उनके परिजनों के खाते में देती है, लेकिन गाजीपुर (Ghazipur) के करीब 320 परिषदीय विद्यालयों के लगभग 20,000 छात्रों के आधार कार्ड का सत्यापन (Aadhaar verification) अभी तक नहीं हो पाया है. आधार कार्ड नहीं बनने के चलते उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है. इस वजह से विभाग ने अब कड़ा रुख अपनाते हुए जनपद के करीब 2,000 शिक्षकों का वेतन रोक दिया है. गाजीपुर जनपद में चलने वाले 2,269 परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को शासन की तरफ से दो-दो सेट ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा और स्टेशनरी की खरीद के लिए उनके अभिभावकों के खाते में 1200 रुपये की धनराशि भेजी जाती है. 


खातों का आधार कार्ड के माध्यम से सत्यापन होना और डीबीटी भी होना जरूरी होता है, लेकिन जनपद गाजीपुर की बात करें तो यहां के करीब 20,000 छात्र हैं, जिनका विद्यालय के शिक्षकों की लापरवाही की वजह से अभी तक डीबीटी नहीं हो पाया है. इसके चलते उन्हें शासन द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसे लेकर अब बेसिक शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है और करीब 2000 शिक्षकों का वेतन आधार सत्यापन कराए जाने तक रोक दिया है. इसके बाद से ही अब आधार कार्ड के सत्यापन ने जोर पकड़ा है.


अधिकारी ने क्या कहा
बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया, परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले करीब 10% छात्रों के आधार कार्ड का सत्यापन नहीं हो पाया था, जिसके चलते लापरवाही बरतने वाले करीब 320 विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है. उन्होंने बताया कि उनकी इस कार्यवाही से पिछले 4 दिनों में आधार सत्यापन में करीब 10 फीसदी की और कमी आई है. ऐसे में अब जिलाधिकारी के निर्देश पर आधार कार्ड बनाने के लिए बैंक, सीएचसी और नोडल कंपनियों को भी निर्देशित कर दिया गया है. नामित नोडल कंपनी बहुत जल्द विद्यालय में पहुंचकर आधार कार्ड बनाना शुरू कर देगी. इसके बाद जल्द ही सभी छात्रों का आधार सत्यापन हो सकेगा और उन्हें डीबीटी की योजनाओं का लाभ मिल जाएगा.


बता दें कि शासन द्वारा मिलने वाले 1200 रुपये से छात्रों के लिए स्वेटर और जूता-मोजा की खरीदारी अभिभावकों को करनी होती है. ऐसे में ठंड का मौसम भी शुरू हो चुका है और छात्रों के पास स्वेटर और जूता मोजा नहीं होने की वजह से उन्हें अभी अगले कुछ दिनों तक ठिठुरने को मजबूर रहना पड़ेगा.


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