Ghazipur: राइस मिल से फैल रहे प्रदूषण के खिलाफ गोलबंद हुए ग्रामीण, प्रशासन पर लगाया मिलीभगत का आरोप
Ghazipur News: ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राइस मिल बंद कराने का दावा झूठा है. राइस मिल से फैल रहे प्रदूषण के कारण ग्रामीणों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.
UP News: गाजीपुर जनपद के इचौली गांव निवासी राइस मिल से बेहद परेशान हैं. ग्रामीणों ने बताया कि शिव शक्ति ट्रेडर्स नामक राइस मिल अवैध रूप से संचालित हो रही है. राइस मिल के कारण फैल रहे प्रदूषण से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. दिन हो या रात, आसमान से काली राख बरस रही है. राख की बरसात होने के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं. लोगों की आंखों में जलन और घबराहट हो रही है. राइस मिल से निकलने वाले गर्दे और शोर ने लोगों का चैन छीन लिया है. दुख को साझा करते हुए इचौली गांव की परमिता की आंखों में आंसू आ जाते हैं. बुजुर्ग वशिष्ठ नारायण कहते हैं, "राइस मिल के कारण प्रदूषण फैल रहा है. खुले में रखे घर के बर्तनों पर काली राख की मोटी परत जम जाती है."
राइस मिल के खिलाफ लोगों ने खोला मोर्चा
जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाई गई. नतीजा ढाक के तीन पात निकला. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राइस मिल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना जिला प्रशासन की मिलीभगत को दर्शाता है. उन्होंने बताया कि राइस मिल मानक को पूरा किए बिना संचालित हो रही है. ग्रामीणों की शिकायत पर उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद ने 26 मई 2023 को राइस मिल के खिलाफ जांच कराई थी.
जांच में पाया गया कि शिव शक्ति ट्रेडर्स राइस मिल घनी आबादी में कंपोजिट स्कूल के नजदीक बनाई गई है. उन्होंने गाजीपुर जिलाधिकारी को रिपोर्ट में बताया कि राइस मिल से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. साथ ही विभागीय प्रपत्र भी उपलब्ध नहीं है. हाल ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीआईएल पर सुनवाई की.
प्रशासन पर लगाया मिलीभगत का आरोप
अदालत को बताया गया कि राइस मिल बंद कराई जा चुकी है. लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि आज भी राइस मिल चल रही है. अफसर आंख मूंदे बैठे हैं. कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं हो रही है. जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत प्राप्त हुई थी. प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट भेज दी है. आगे की कार्रवाई की जानकारी होने से उन्होंने इंकार किया.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सीओ डॉ. रामकरन ने शिकायत मिलने की बात स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि राइस मिल के खिलाफ सीधे कार्रवाई नहीं हो सकती. कारण बताओ नोटिस जारी एक हफ्ते पहले जारी किया गया है. नोटिस का जवाब राइस मिल प्रबंधन को 15 दिन में देना होगा. जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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