एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में गाजीपुर के युवक का नाम दर्ज, 118 साल पुरानी मतदाता सूची बनी धरोहर
Ghazipur News: गाजीपुर स्थित दीनदार शम्सी म्यूजियम के संस्थापक कुंवर मुहम्मद नसीम रजा के हिस्से बड़ी उपलब्धि आई है. इस बार उनको 118 साल पुरानी मतदाता सूची को संग्रह करने के लिए नवाजा गया है.
Ghazipur Latest News: गाजीपुर के दिलदारनगर के नसीम रजा को प्राचीन और ऐतिहासिक वस्तुओं के अनूठे संग्रह करने का शौक है. उन्होंने 118 वर्ष पूर्व के उर्दू मतदाता सूची का संग्रह कर एशिया बुक आफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. कुछ दिनों पूर्व 1896 से लेकर 1996 तक के 100 साल की दुर्लभ ईंटों का संग्रह करने पर नसीम रजा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया था.
नसीम रजा बताते हैं कि 1904-1905 ई.1906-1907 ई.1918-1919 ई. की उर्दू और 1945 ई.की हिंदी-उर्दू की कुल 5 मतदाता सूची को उन्होंने संग्रहित किया है.
उर्दू में प्रकाशित हुआ था मतदान सूची
उर्दू मतदाता सूची ब्रिटिश शासन काल के जमानिया क्षेत्र की हैं. जमानिया वर्तमान में गाजीपुर की एक विधानसभा है, जो कि ब्रिटिश काल में एक परगना हुआ करती थी. उस समय लोकल वार्ड मेंबर के लिये चुनाव होता था. इस चुनाव के लिये मतदाता सूची तैयार करने के लिये हर गांव से तीन चार मानिंद लोगों को चुनकर 50 लोगों की सूची तैयार की जाती थी.
सूची में जमीनदारों, मुखिया और उन लोगों को रखा जाता था, जो सरकार को लगान और कर देते थे. वोट देने का अधिकार सिर्फ ऐसे लोगों को ही था. इन 50 लोगों में से ही योग्यता के अनुसार 4 लोगों को उम्मीदवार बनाया जाता था. बाकी 46 सदस्य इनमें से एक उम्मीदवार का चुनाव करते थे, जिनको लोकल वार्ड मेंबर कहा जाता था. लोकल वार्ड मेंबर अपने क्षेत्र की समस्याओं को जिला बोर्ड में रखते थे.
ब्रिटिश काल में थे केवल 50 मतदाता
ब्रिटिश काल में आज की जमानिया तहसील में कुल 50 मतदाता ही होते थे. आज की जमानिया तहसील के मतदाता सूची की उस समय से तुलना करें तो मतदाताओं में 8500 गुना की वृद्धि हो चुकी है. 2022 के विधानसभा चुनाव में जमानिया विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 4,25,978 थी, जबकि 1904-1905 और 1906-1907 में कुल मतदाताओं की संख्या 50 थी और वो केवल पुरूष ही थे.
1909 में पहली बार पारित हुआ था इलेक्शन एक्ट
अंग्रेजों ने 1857 के बाद लोकल सेल्फ गवर्नमेंट एक्ट पारित किया था और 1884 में ये पूरी तरह से लागू किया था. इसके बाद स्थानीय विकास के लिये स्थानीय कमेटी का चयन शुरू हुआ और कमेटी में करदाताओं को ही रखने का प्रावधान था. समय-समय पर इसमें संशोधन होते रहे और 1909 में पहली बार इलेक्शन एक्ट पारित हुआ.
नसीम रजा को एशिया बुक आफ रिकार्ड्स की तरफ से शनिवार 22 जून को सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ, जिसपर पांच देशों के उच्च स्तरीय अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं. उनकी इस उपलब्धि से जमानिया क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है.
(आशुतोष त्रिपाठी की रिपोर्ट)
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