Ghosi Assembly By Elections 2023: घोसी से 2022 विधानसभा चुनाव सपा के सिंबल पर जीते दारा सिंह चौहान अब बीजेपी के सिंबल पर उसी सीट से उपचुनाव लड़ेंगे. दारा सिंह चौहान योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे लेकिन 2022 चुनाव से 2 महीने पहले वह भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. दारा सिंह चौहान को सपा ने घोसी सीट से चुनाव लड़ाया था जहां से वे चुनाव जीत गए थे. हालांकि अब फिर से वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं और समाजवादी पार्टी को अलविदा कह दिया.


अब बीजेपी ने घोसी सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए दारा सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है. वहीं अखिलेश यादव की सपा ने इस सीट पर पूर्व विधायक सुधाकर को मैदान में उतारा है. अब देखना ये है कि अखिलेश यादव का सवर्ण दांव कितना सही रहेगा. माना जा रहा है कि सुभासपा अध्यक्ष की एनडीए में वापसी से कहीं अखिलेश के पीडीए फॉर्मूला फेल न हो जाए. दारा सिंह चौहान की राजनीतिक करियर की बात करें तो वो पहली बार साल 1996 में बसपा से राज्यसभा गए, साल 1999 में घोसी से सपा से लोकसभा चुनाव लड़े और हार गए. फिर साल 1999 में सपा से राज्यसभा गए, राज्यसभा का समय पूरा होने के बाद कांग्रेस में गए पर कुछ दिनों बाद बसपा का दामन वापस से थाम लिया, बसपा से 2009 में लोकसभा सांसद बने. फिर 2014 में बसपा से लोकसभा हार गए और 2015 में बीजेपी ज्वॉइन कर ली. फिर 2017 में मधुबन से विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे.


फिर साल 2022 विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी छोड़ सपा में गए और घोसी विधानसभा से चुनाव लड़ा फिर सवा साल बाद जुलाई के महीने में वापस बीजेपी में शामिल हो गए. अब बीजेपी ने उन्हें फिर से घोसी विधानसभा का प्रत्याशी बनाया है. घोसी विधानसभा की बात करें तो घोसी में आजादी के बाद झारखंडे राय 1968 तक लगातार विधायक एवं मंत्री रहे उनके बाद रामविलास पांडेय, जफर आजमी, विक्रमा राय, केदार सिंह, फागू चौहान, सुभाष यादव, अक्ष्यवार भारती, सुधाकर सिंह और दारा सिंह चौहान विधायक रहे. इसमें फागू चौहान सबसे लंबे समय तक छह बार विधायक रहे तो वहीं कांग्रेस पार्टी के सुभाष यादव सबसे कम दिनों तक विधायक रहे हैं.


जानें क्या है घोसी का जातीय समीकरण


घोसी विधानसभा सीट में कुल 430354 मतदाता है और अगर इसमें जातिगत समीकरण की बात करें तो घोसी में सिंधी 800, मुसहर 900, कुम्हार 1200, नाई 1300, लाला 1600, गौड़ /खरवार 3500, ब्राह्मण 4100, खटीक 4200, दुसाध 5400, कुर्मी 5700, कोईरी 6200, राजपूत 15000, निषाद 16000, लेनिया 36000, राजभर 40000, यादव 42000, भूमिहार 48400, दलित 62300, मुस्लिम मतदाता 60000 साथ ही अन्य मतदाता तकरीबन 75000 हैं.


बाहरी बनाम स्थानीय पर होगा घोसी उपचुनाव


इस बार का चुनाव में दारा सिंह चौहान अगर विधानसभा चुनाव जीत जाते हैं तो माना जा रहा है कि उन्हें यूपी सरकार में मंत्री बनाकर उनके समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. हालांकि इस बार घोसी का चुनाव बाहरी बनाम स्थानीय हो गया है. दारा सिंह घोसी के लिए बाहरी कैंडिडेट है तो वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर स्थानीय प्रत्याशी हैं. अब देखना होगा कि जनता किसे चुनकर लखनऊ के सदन में भेजती है.


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