Ghosi By Election Results 2023: घोसी उपचुनाव में जीत को बाद शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने ये साबित कर दिया है कि वो सपा (SP) के असली चाणक्य है. शिवपाल यादव की चुनाव रणनीति बीजेपी (BJP) के आक्रामक चुनाव प्रचार पर भारी पड़ गई और सपा के सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने 42 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी के दारा सिंह चौहान को मात दे दी. शिवपाल यादव घोसी में सपा की जीत के असली किंग मेकर बनकर उभरे हैं. जिसके बाद माना जा रहा है उनका पार्टी में कद और बढ़ सकता है. 


सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव की तरह घोसी में भी साबित कर दिया कि उनके मैनेजमेंट में कितना दम है. वो लगातार पार्टी को आगे बढ़ाने की ओर ले जा रहे हैं, अखिलेश यादव भी उन पर पूरा भरोसा करते हैं. यही वजह है कि घोसी जैसी सीट जिस पर सपा और बीजेपी के बीच नाक की लड़ाई थी, उसकी जिम्मेदारी उन्होंने शिवपाल यादव के कंधों पर सौंपी. जिसके बाद उन्होंने बीजेपी के आक्रामक चुनाव प्रचार के बीच बूथ मैंनेजमेंट में जबरदस्त भूमिका निभाई.  


शिवपाल यादव की रणनीति से मिली जीत


शिवपाल यादव शुरू से ही घोसी में जमे रहे. सुधाकर सिंह को सपा के टिकट मिलने के पीछे भी उनकी ही रणनीति मानी जाती है. जहां बीजेपी ने अति पिछड़े समाज से दारा सिंह चौहान को उतारा था तो सपा ने सवर्ण वर्ग के सुधाकर सिंह पर दांव चला. इससे सपा के पाले में पीडीए के साथ सवर्ण वोट भी आए और सपा बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब हो गयी. 


चुनाव प्रचार के दौरान शिवपाल यादव ने जगह-जगह कैंप किए और गांव-गांव प्रचार किया. उन्होंने सब लोगों से बात की और वोटों का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं होने दिया. उन्होंने वोटरों की तमाम समस्याओं को लेकर लोगों से बात की और अधिकारियों तक उनकी बात को पहुंचाया फिर चाहे वो अल्पसंख्यक समुदाय में बिजली या पानी काटने की बात हो या फिर लाल और यलो कार्ड दिए जाने की बात शिवपाल यादव डीएम से लेकर आईजी और तमाम अधिकारियों से मिलते दिखाई दिए. जबकि अखिलेश यादव यहां सिर्फ एक दिन ही जनसभा करने पहुंचे थे. 


घोसी में जमे रहे शिवपाल यादव


शिवपाल यादव प्रचार तक ही नहीं रुके, चुनाव प्रचार थमने के बाद भी वो मऊ के नजदीकी जिले आजमगढ़ में रुके और वहां से चुनाव की तमाम रणनीति तैयार करते रहे. आखिर समय तक वो सपा कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहे. शिवपाल यादव ने इससे पहले मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में भी अपना लोहा मनवाया था और अब जब उन्हें घोसी की जिम्मेदारी दी गई तो यहां भी सपा को शानदार जीत हासिल हुई. 


सपा में बढ़ सकता है कद


मुलायम सिंह यादव के समय भी शिवपाल यादव सपा में दूसरे नंबर पर आते थे. सपा के संगठन की पूरी जिम्मेदारी मुलायम सिंह ने उन्हीं को सौंप रखी थी, शिवपाल यादव पार्टी का पूरा काम देखते थे और मुलायम सिंह का चेहरा आगे होता था. मुलायम सिंह के निधन के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच की दूरियां कम हो गई. माना जा रहा है घोसी के बाद शिवपाल यादव को चुनावी रणनीति और संगठन को मजबूत किए जाने की जिम्मेदारी भी जा सकती है. 


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