(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ghosi Bypoll 2023: लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल बना घोसी उपचुनाव, मैदान में अखिलेश समेत उतरा सैफई परिवार
Ghosi Bypoll: कांग्रेस और बसपा के मैदान में न होने से मुकाबला बीजेपी और सपा का है. उपचुनाव को सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है.
Ghosi By Election 2023: उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा का उपचुनाव बड़े दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए घोसी सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है. सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह का प्रचार करने सैफई परिवार भी मैदान में कूद पड़ा है. राजनीतिक समीक्षकों के मुताबिक घोसी उपचुनाव से देश में बड़ा संदेश जाएगा. इंडिया गठबंधन में यूपी की तरफ से मजबूत भूमिका निभा रहे अखिलेश यादव की परीक्षा है. इसलिए घोसी उपचुनाव में यादव कुनबे ने पूरी ताकत झोंक दी है.
यादव परिवार उतरा घोसी के चुनावी मैदान में
संगठन में माहिर शिवपाल के बाद रामगोपाल ने मोर्चा संभाला. अब सपा मुखिया अखिलेश यादव भी रण में उतर गए हैं. सियासी जानकर प्रसून पांडेय बताते हैं कि 2017 से लेकर अब तक हुए उपचुनाव में अखिलेश समेत पूरा यादव परिवार इतना सक्रिय नहीं रहा है. मैनपुरी में सक्रियता दिखाने का परिणाम भी सकारात्मक रहा. आजमगढ़ में परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव का प्रचार करने सपा मुखिया नहीं पहुंचे थे. पांडेय ने बताया कि गोला, खतौली, स्वार और छानबे उपचुनाव में अखिलेश यादव प्रचार के लिए नहीं गए.
मैनपुरी उपचुनाव से अखिलेश ने सीखा सबक
रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में एक दिन प्रचार के लिए गए थे. पार्टी को रामपुर में हार का सामना करना पड़ा था. पांडेय ने कहा कि शायद मैनपुरी उपचुनाव से अखिलेश को सबक मिला हो, इसी कारण उन्होंने पूरे परिवार को घोसी के रण में उतारा है. एक अन्य विश्लेषक अमोदकांत मिश्रा कहते हैं कि घोसी उपचुनाव इंडिया और एनडीए दोनों गठबंधन के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. बीजेपी हर बार की तरह इस चुनाव को बहुत सीरियस ढंग से लड़ रही है. उसने मंत्रियों की फौज को उतार रखा है.
कांग्रेस और बसपा के मैदान में न होने से मुकाबला बीजेपी और सपा का है. उपचुनाव को अखिलेश यादव ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है. आमतौर पर उपचुनावों में अखिलेश यादव खुद को प्रचार से दूर रखते थे. इस बार उनके सक्रिय रहने से उपचुनाव महत्वपूर्ण हो गया है. उन्होंने कहा कि सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह को कांग्रेस, रालोद और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का भी समर्थन मिल चुका है. अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के खिलाफ बने माहौल में सपा प्रत्याशी को जिताने का आह्वान किया. सपा के पक्ष में आए फैसले को इंडिया गठबंधन भुनानेवाला है.
सपा के पक्ष में आए फैसले को भुनाएगा विपक्ष
मकसद है पूरे देश को संदेश भेजना कि यूपी में इंडिया के प्रयोग को जनता ने पसंद किया है. पीडीए फार्मूले के लिए घोसी का जातीय समीकरण बिल्कुल सटीक है. अखिलेश की पार्टी को सफलता नहीं मिलने पर माना जाएगा कि पीडीए का फार्मूला कारगर नहीं रहा. राजनीतिक दलों की रिपोर्ट के अनुसार घोसी विधानसा सीट पर करीब 4 लाख 37 हजार मतदाताओं में 90 हजार मुस्लिम, 60 हजार दलित, 77 हजार ऊंची जातियां, 45 हजार भूमिहार, 16 हजार राजपूत और 6 हजार ब्राह्मण समेत बाकि पिछड़ा वर्ग है. कांग्रेस और बसपा के चुनाव मैदान में न उतरने की वजह से मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी को मिलने की उम्मीद की जा रही है.