Ghosi By Election 2023: लोकसभा चुनाव से पहले मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव एनडीए (NDA) और इंडिया (INDIA) गठबंधन के लिए नाक की लड़ाई बन गया है. दोनों गठबंधन के घटक दल जी जान से चुनाव को जीतने की कोशिश में लगे हैं. दिग्गजों की वजह से पूर्वांचल घोसी विधानसभा की सीट अचानक सुर्खियों में आ गई है. कहा जा रहा है कि चुनाव का आगामी लोकसभा चुनाव पर असर डालेगा. जीत का परचम फहरानेवाली पार्टी को 2024 के चुनाव में मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी.


एनडीए और इंडिया के लिए नाक की लड़ाई बना उपचुनाव


बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह चौहान के लिए एनडीए का कुनबा मैदान में डटा है. दारा सिंह के लिए अपना दल (सोनेलाल), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, निषाद पार्टी ने भी मोर्चा संभाल लिया है. सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह को कांग्रेस और रालोद का समर्थन मिला है. उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने प्रत्याशी नहीं उतारा है. दोनों गठबंधन प्रत्याशियों के लिए भी बसपा प्रमुख मायावती ने पत्ते नहीं खोले हैं. बता दें कि बसपा के मतदाताओं की तादाद अच्छी संख्या में है.


घोसी में बसपा प्रमुख मायावती ने अभी तक नहीं खोले पत्ते


पिछले नतीजों को देखने पर पता चलता है कि बसपा को 2017, 2019 और 2022 के चुनावों में 50 हजार से अधिक वोट मिले हैं. वर्तमान का चुनाव दो प्रत्याशियों के बीच का नहीं बल्कि दो गठबंधन के बीच में हो रहा है. तकरीबन 4. 50 लाख मतदाता दोनों प्रत्याशियों का भविष्य तय करेंगे. घोसी उपचुनाव में संगठन और पार्टी के नेताओं का भी प्रत्याशी को साथ मिल रहा है. दोनों दलों के शीर्ष नेता चुनाव प्रचार करने पहुंच रहे हैं. बीजेपी की तरफ से मंत्रियों-विधायकों का बड़ा समूह और पार्टी अध्यक्ष लंबे समय से टिके हुए हैं.


दोनों उपमुख्यमंत्रियों की भी जनसभाएं हो चुकी हैं. आगामी दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है. समाजवादी पार्टी भी पूरी ताकत से चुनाव प्रचार कर रही है. आसपास जिलों के सभी विधायक और प्रदेश अध्यक्ष घोसी में डेरा डाले हुए हैं. अखिलेश यादव ने कल सुधाकर सिंह के समर्थन में लोगों से वोट मांगे. अमूमन अखिलेश यादव उपचुनाव के प्रचार से दूर रहते हैं.


उपचुनाव से दूरी बनानेवाले अखिलेश यादव मैदान में डटे


इस बार प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी घोसी की सीट को अखिलेश यादव किसी भी हाल में हारना नहीं चाहते. बीजेपी का दामन थामने के बाद दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं. अब उनके लिए भी घोसी सीट की जीत मंत्री बनने की राह खोल सकती है. बीजेपी में चर्चा चल रही है कि घोसी की सीट पर जीत का परचम फहराने के बाद दारा सिंह चौहान को मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जा सकता है. हारने पर दारा सिंह चौहान का राजनीतिक भविष्य अधर में फंस सकता है. 


Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दंगल में इस पुराने फार्मूले के साथ उतरेगी बसपा, मायावती ने खुद किया खुलासा