Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार ने पार्टी को जमीनी हकीकत से रूबरू करा दिया है. अब बीजेपी का वह भ्रम भी टूट गया है कि अपने चुनाव निशान पर पार्टी किसी को लड़ा दे तो वह जीत जाएगा. फिलहाल अपनी हार से सबक लेते हुए अब बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कुछ अहम फैसले लिए हैं.


जानकारी के अनुसार घोसी चुनाव में मिली हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की लगातार बैठकें चल रही हैं. इस दौरान कुछ अहम फैसले लिए गए हैं कि आने वाले दिनों में किसी भी नेता को पार्टी ज्वाइन करने से पहले उसके हर पहलू को जांचा परखा जाएगा. जिसके बाद ही दूसरी पार्टी से दल बदल कर आ रहे नेता को बीजेपी में शामिल किया जाएगा.


लोकल लीडर के अप्रूवल होंगे महत्वपूर्ण
 
भारतीय जनता पार्टी में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि 2024 चुनाव के मद्देनजर अगर किसी भी दूसरे दल के नेता को लोकल लीडर से बातचीत कर बीजेपी में शामिल कराया जाएगा. जानकारी के अनुसार पार्टी में शामिल किए जाने से पहले नेता जिस क्षेत्र से आता है वहां के लोकल लीडर से मौजूदा स्थिति की जानकारी लेने के बाद ही उसे बीजेपी में ज्वाइन करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. पार्टी के इस फैसले के बाद से पिछले काफी दिनों से बीजेपी में आने को आतुर धर्म सिंह सैनी समेत कुछ नेताओं के शामिल होने का फैसला फिलहाल के लिए टल गया है.


सामाजिक और जातीय समीकरण के तहत रणनीति बनना शुरू


भारतीय जनता पार्टी ने 2024 चुनाव के लिए जमीन तैयार करना शुरू कर दिया है. बीजेपी हर एक लोकसभा सीट पर जाति और क्षेत्रीय समीकरण के अनुसार अपने कैंडिडेट उतरना चाहती है. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में लाएगी जिनके आने से लोकल स्तर पर बीजेपी को कोई नुकसान ना हो और आम जनता के बीच में जिसकी छवि अच्छी हो. घोसी में हुए उपचुनाव से सीख लेते हुए बीजेपी ने यह रणनीति अपनाई है.


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