UP Politics: घोसी उपचुनाव ने अखिलेश यादव के इस फॉर्मूले में फूंक दी जान, लोकसभा चुनाव में भी बदल सकती है तस्वीर
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारी शुरू कर दी है. इस बीच उनके एक फॉर्मूले की काफी चर्चा हो रही है. घोसी उपचुनाव के परिणामों से इन चर्चाओं को और बल मिला है.
Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश के मऊ की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने साल 2022 के मुकाबले ज्यादा मतों से जीत दर्ज की. इस जीत को लेकर यूपी में समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन के खेमे में जहां खुशी की लहर है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी और एनडीए में आत्ममंथन का दौर जारी है.
घोसी सीट पर उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने सुधाकर सिंह और भारतीय जनता पार्टी ने दारा सिंह चौहान को मैदान में उतारा था. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनाव में अपनी किस्मत नहीं आजमायी. हालांकि जानकारों का मानना है कि अगर बसपा ने घोसी सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे होते उपचुनाव के परिणाम पलट सकते थे. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में घोसी सीट पर बसपा को 21 फीसदी वोट मिले थे और वह तीसरे नंबर पर थी. ऐसे में राजनीतिक जानकारों का यह आंकलन सच होता दिख रहा है.
किसको मिले कितने वोट?
वहीं समाजवादी पार्टी की बात करें तो साल 2022 के चुनाव में पार्टी को इस सीट पर 42. 21% वोट मिले थे . वहीं इस बार उपचुनाव में सपा को 57.19 फीसदी वोट मिले वहीं बीजेपी को 37.54 फीसदी मत मिले. माना जा रहा है कि बसपा का दलित वोट बैंक का बड़ा हिस्सा सपा के खाते में गया.
राजनीतिक जानकरों का मानना है कि बसपा का इस सीट पर प्रत्याशी ना उतरना अखिलेश यादव के उस फॉर्मूले में जान फूंक गया जिसमें सपा प्रमुख का मानना है कि पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक साथ आएं तो बीजेपी को मात दी जा सकती है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीते महीनों में कई बार पीडीए फॉर्मूले पर जोर देते हुए यह दावा कर चुके हैं कि तीनों के साथ आने से राज्य में पार्टी की स्थिति मजबूत होगी और आगामी लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां बदल सकती हैं.
इस उपचुनाव में सपा को जहां बसपा की गैरमौजूदगी का फायदा मिला साथ ही राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस का भी सहयोग मिला. यूपी कांग्रेस का जिम्मा मिलने के बाद अजय राय ने एलान कर दिया था कि पार्टी, इस सीट पर सपा के साथ होगी.