UP Bypolls Result 2023: उत्तर प्रदेश के घोसी (Ghosi) विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) के उम्मीदवार सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने बीजेपी (BJP) प्रत्याशी दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) को 42,759 मतों के अंतर से हरा दिया. चुनाव आयोग के अनुसार, सुधाकर सिंह को कुल 1,24,427 वोट मिले जबकि दारा सिंह चौहान के पक्ष में 81,668 मतदाताओं ने मतदान किया.


इस उपचुनाव के नतीजों पर पूरे देश की नजर थी. घोसी के सियासी रण में साइकिल ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि बीजेपी चारों खाने चित्त हो गई. बड़ी बात यह है कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा से चुनाव लड़ने वाले दारा सिंह ने 22,000 मतों से जीत दर्ज की थी. घोसी सीट दारा सिंह चौहान के इस्तीफे की वजह से ही खाली हुई थी.


घोसी उपचुनाव में अखिलेश यादव की भी थी परीक्षा


घोसी उपचुनाव में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुरू से खूब दिलचस्पी दिखाई. घोसी उपचुनाव में अखिलेश यादव की भी परीक्षा थी. यही वजह है कि इस उपचुनाव में अखिलेश यादव ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. ऐसे इसलिए भी क्योंकि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में यूपी की तरफ से अखिलेश यादव मजबूत भूमिका निभा रहे हैं. इसकी वजह से आगामी लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह उपचुनाव उनके लिए भी अहम था.


इस उपचुनाव में अखिलेश यादव खुद मोर्चा संभालते हुए रैली करने पहुंचे. साल 2017 से अब तक यूपी में कई उपचुनाव हो चुके हैं लेकिन सत्ता गंवाने के बाद अखिलेश यादव उतने सक्रिय नहीं होते थे, जितना घोसी में दिखा. मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को छोड़कर इतनी सक्रियता उनकी देखने को नहीं मिलती थी. मैनपुरी उपचुनाव का परिणाम भी सकारात्मक रहा था और सपा ने बीजेपी को हराया था.


अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले हुआ हिट?


वहीं आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव जब मैदान में थे तो सपा मुखिया डिमांड के बावजूद नहीं पहुंचे थे. ऐसे ही गोला, खतौली, स्वार और छानबे में उपचुनाव हुए लेकिन अखिलेश यादव प्रचार के लिए नहीं गए. इसके अलावा रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में एक दिन प्रचार के लिए गए थे. वहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक मैनपुरी उपचुनाव से शायद अखिलेश यादव ने सबक ली हो और घोसी उपचुनाव में जमकर मेहनत की. इस चुनाव को अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ा.


आमतौर पर उपचुनावों में अखिलेश यादव खुद को प्रचार से दूर रखते थे लेकिन इस बार उनके एक्टिव होने से यह उपचुनाव महत्वपूर्ण हो गया था. अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले के लिए यहां का जातीय समीकरण भी बिल्कुल सटीक था. ऐसे में घोसी सीट पर जीत मिलने के बाद कहीं न कहीं अखिलेश यादव का यह फॉर्मूला कारगर साबित हुआ.


ये भी पढ़ें- Ghosi Bypolls Result 2023: घोसी उपचुनाव में मायावती का उम्मीदवार न उतराना BJP को पड़ा भारी? सपा की जीत में BSP की ऐसे रही अहम भूमिका