बस्ती, एबीपी गंगा। योगी राज में उत्तर प्रदेश की पुलिस अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रही और इसी का नतीजा है कि एक दलित किशोरी को मौत के साथ सौदा करना पड़ गया. 18 साल की दलित किशोरी के साथ गांव के ही तीन मनचलों ने पहले छेड़खानी की और जब इस बात की शिकायत स्थानीय चौकी पर की गई तो पुलिस ने कार्रवाई के बजाय किशोरी की अस्मत का सौदा करते हुए मामले में सुलह करा दी.


पुलिस की कार्रवाई से आहत होकर किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या की खबर जैसे ही पुलिस महकमे तक पहुंची तो आनन-फानन में तीन के बजाय दो मनचलों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया. लेकिन मुकदमे को भी पुलिस ने छेड़खानी के बजाए आपत्तिजनक टिप्पणी में बदल दिया.


दरअसल, मामला वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के मंझरिया गांव का है, जहां 18 साल की एक किशोरी अपने घर की तरफ जा रही थी. तभी गांव के तीन युवक मोटरसाइकिल से आए और किशोरी को धक्का देकर गिरा दिया. इसके बाद किशोरी के साथ तीनों युवकों ने बलात्कार करने की कोशिश की और विरोध करने पर उसे जमकर मारा पीटा.


रोते हुए पीड़ित दलित किशोरी अपने घर पहुंची और माता-पिता को आपबीती सुनाई, जिसके बाद परिजन वाल्टरगंज थाना क्षेत्र में पड़ने वाली गणेशपुर चौकी पहुंचे और तहरीर दी. लेकिन इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय सुलह करा दिया और 24 घंटे बाद ही आहत किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.



पूरे मामले को लेकर एडिशनल एसपी पंकज पांडे ने बताया कि तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है और जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे पुलिस उस आधार पर आरोपियों के नाम बढ़ाएगी और कार्रवाई करेगी.