Girls Education: दसवीं के बाद स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या में नहीं आ रही कमी, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
Girls drop rate still high: लखनऊ में एक कार्यक्रम में बोलते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि लड़कियों के स्कूल छोड़ने के प्रतिशत में अभी भी गिरावट नहीं आयी है, जो चिंता का विषय है.
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कुछ समय पहले तक लड़कियों की शिक्षा एक बड़ा मसला हुआ करता था क्योंकि उनकी पढ़ाई को सेकेंडरी समझा जाता था. अगर डेटा और फैक्ट्स की बात करें तो लड़कियों की शिक्षा के मामले में कुछ सुधार तो आया है लेकिन अभी मंजिल दूर है. जहां पिछले सालों में स्कूलों में एडमिशन लेने वाली लड़कियों की संख्या में इजाफा हुआ है वहीं हाईस्कूल के बाद स्कूल छोड़ देने वाली लड़कियों की संख्या में गिरावट नहीं आयी है. अभी भी बहुत सी लड़कियां दसवीं के बाद स्कूल छोड़ देती हैं, जो चिंता का विषय है. ये विचार रखें शिक्षाविद दीप्ति मेहरोत्रा ने. दीप्ती लखनऊ में एक ऑनलाइन सेशन के अवसर पर बोल रही थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक शिक्षाविद दीप्ति ने इस मसले पर चिंता जतायी और कहा कि एलिमेंट्री लेवल पर इस मामले में सुधार हुआ है लेकिन दसवीं और बारहवीं के बाद लड़कियों के स्कूल छोड़ देने के मामलों में संतोषजनक कमी नहीं आयी है.
पहले से बेहतर हुई हैं चीजें, बता रहे हैं आकंड़ें -
लखनऊ में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि, ‘अब एलिमेंट्री एजुकेशन लेवल पर जेंडर रेशियो 96 प्रतिशत है. इसका मतलब ये है कि जहां स्कूलों में 100 लड़कों का एडमिशन होता है वहीं 96 लड़कियां एडमिशन लेती हैं. हालांकि दसवीं और बारहवीं तक पहुंचते-पहुंचते ये इनरोलमेंट रेशियो गिरकर 50 प्रतिशत पहुंच जाता है.’ शिक्षाविद दीप्ति ने सावित्री बाई फुले और फातिमा शेख के गर्ल्स एजुकेशन के मुद्दे पर किए गए योगदान के विषय में बात करते हुए अपने विचार रखें.
क्या है रेशियो –
इस ऑनलाइन सेशन का आयोजन लखनऊ यूनिवर्सिटी की फॉर्मर वाइस चांसलर रूप रेखा वर्मा द्वारा किया गया था जिसमें विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. इस मौके पर बोलते हुए शिक्षाविद ने आगे कहा कि, क्लास एक से आठ तक इनरोलमेंट रेशियो 96 प्रतिशत रहता है जो नौ से दस तक आते-आते 77 प्रतिशत रह जाता है और ग्यारहवीं-बारहवीं तक पहुंचते-पहुंचते 50 प्रतिशत में सिमट जाता है. ये गवर्नमेंट स्कूलों का हाल है. उनका कहना था कि इस माइंडसेट को बदलने की जरूरत है जहां केवल लड़कों की शिक्षा को महत्व दिया जाता है.
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