UP Politics: क्या BSP की वजह से उपचुनाव हारी सपा? स्वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती पर फोड़ा ठीकरा
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) एमएलसी (MLC) स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) के बयान पर जबरदस्त पलटवार किया है.
Gola Gokarnath By-Poll Results: उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने उपचुनावों में सपा के हारने का ठीकरा बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती पर फिर फोड़ा है. मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर लिखा था कि लखीमपुर उपचुनाव में बसपा चुनाव नहीं लड़ी बावजूद वहां सपा क्यों हार गई? ट्वीट के जवाब में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि इसका जवाब मायावती से पूछिए. आजमगढ़ में बसपा उपचुनाव लड़ी थी, इसका मतलब क्या है. वह हमें जिताने के लिए नहीं लड़ती हैं, वह हमें हराने के लिए लड़ती हैं. इसलिए उनके बयान का कोई ज्यादा अर्थ नहीं है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा नोटों पर गणेश-लक्ष्मी की तस्वीर छपने की मांग को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अगर एक देवी देवता की तस्वीर छपवाएंगे तो 84 करोड़ देवी देवता कहा जायेंगे. वह इनकी खटिया खड़ी कर देंगे. अरविन्द केजरीवाल खुद अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं.
UP Politics: गोला उपचुनाव में सपा को मिली हार, बसपा का चुभता हुआ प्रहार, अब मिली नई चुनौती
सरकार पर साधा निशाना
मैनपुरी रामपुर उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि मैनपुरी दिवंगत नेताजी की सीट थी. लोग उनको पसंद करते थे, इसलिए वह सीट सपा ही जीतेगी. रामपुर विधानसभा सीट भी जीतेंगे यदि सपा के प्रत्याशी को प्रशासन द्वारा नहीं हरवाया गया. आगामी निकाय चुनाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी मुद्दों पर फेल है. हम सरकार की विफलता को बताने के लिए जनता के बीच जायेंगे और मुद्दों की विफलता पर चुनाव जायेंगे.
बता दें कि हार के बाद मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा था, "यूपी के खीरी का गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव बीजेपी की जीत से ज्यादा सपा की 34,298 वोटों से करारी हार के लिए काफी चर्चाओं में है. बीएसपी जब अधिकांशतः उपचुनाव नहीं लड़ती है और यहां भी चुनाव मैदान में नहीं थी, तो अब सपा अपनी इस हार के लिए कौन सा नया बहाना बनाएगी?"
बसपा प्रमुख ने आगे लिखा, "अब अगले महीने मैनपुरी लोकसभा व रामपुर विधानसभा के लिए उपचुनाव में, आजमगढ़ की तरह ही, सपा के सामने अपनी इन पुरानी सीटों को बचाने की चुनौती है. देखना होगा कि क्या सपा ये सीटें बीजेपी को हराकर पुनः जीत पाएगी या फिर वह बीजेपी को हराने में सक्षम नहीं है, यह पुनः साबित होगा."