सोनभद्र, एजेंसी। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में लगभग 3,000 टन सोना मिला है, जो भारत के पास मौजूदा सोने के भंडार का करीब पांच गुणा है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में जिले की इन पहाड़ियों में तीन हजार टन से ज्यादा सोना दबे होने का दावा किया है। सोनभद्र की सोन पहाड़ी में बड़ी मात्रा में सोना पूरे विश्व की निगाहों में चमक उठा है। सोशल मीडिया पर सोनभद्र ट्रेंड कर रहा है। हर कोई खुश भी है और अचंभित भी।


बता दें कि शुक्रवार को जिला खनन अधिकारी के के राय ने बताया कि सोन पहाड़ी और हरदी इलाकों में सोने के भंडार मिले है।उन्होंने बताया कि सोने के भंडार का पता लगाने का काम पिछले दो दशक से चल रहा था। उन्होंने बताया कि इन ब्लॉक की ई-टेंडरिंग के माध्यम से नीलामी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। जानकारी के मुताबिक, सोन पहाड़ी में करीब 2943.26 टन और हरदी ब्लॉक में 646.16 टन सोना मिला है। राय ने बताया कि सोने के अलावा इलाके में अन्य खनिज पदार्थ भी मिले हैं।


विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, भारत के पास इस समय 626 टन सोने का भंडार है। जबकि सोनभद्र में पाया गया सोने का नया भंडार इसका करीब पांच गुणा है। इसकी अनुमानित कीमत करीब 12 लाख करोड़ रुपए है।


आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी कि इनका संबंध रामायण काल से है। सोनभद्र में जिन दो पहाड़ियों पर सोने का भंडार मिला है, वहां इसकी मौजदूगी को लेकर सालों से चर्चाएं चल रही थीं। हरदी ब्लॉक में पिछले चार सालों से सोना पाए जाने की खबर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरे हुए थी, जबकि आस्था का केंद्र रहे सोन पहाड़ी के इलाके में उम्मीद से ज्यादा सोने का भंडार मिलने की बात सामने आई है।


बता दें कि सोन पहाड़ी को शिव पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस पहाड़ी पर सैकड़ों टन खजाना छिपे होने की बात पर वर्षों से कहानी-किस्से सुनाए जाते आए हैं। खनिज स्थलों की जियो टैगिंग के लिए सात सदस्यीय टीम गठित की गई, जिसकी रिपोर्ट 22 फरवरी यानी आज लखनऊ को सौंपी जाएगी।


सोनभद्र जिले में करीब 3,350 टन (अनुमानित मात्रा) सोना मिलने की बात सामने आई है, जो मात्रा भारत के स्वर्ण भंडार का करीब पांच गुणा ज्यादा है। विश्व स्वर्ण काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पास अभी 618.2 टन सोने का भंडार है। जो कुल विदेशी भंडार में सोने का 6.6 फीसदी हिस्सा है। इसके लिहाज से स्वर्ण भंडारण के मामले में भारत विश्व में 9वें नंबर पर है। अब सोनभद्र में इतनी मात्रा में सोना मिलने से भारत की स्थिति और ज्यादा मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है।


गौरतलब है कि पिछले पंद्रह साल से  जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया यानी जीएसआई की टीम  इस मामले में सोनभद्र में काम कर रही थी। आठ साल पहले ही टीम ने सोनभद्र की इस ज़मीन के अंदर सोने के ख़जाने की पुष्‍टि कर दी थी। अब इसकी सूचना सामने आने के बाद यूपी सरकार ने  इस टीले को बेचने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है।  ई-टेंडरिंग को हरी झंडी मिलने के बाद खनन की अनुमति मिलेगी।


सोनभद्र के ज़िलाधिकारी एन. राजलिंगम ने बताया, ' जिले की जिस पहाड़ी में सोना मिला है, वो  क़रीब 108 हेक्टेयर  क्षेत्रफल का इलाका है। सोन की पहाड़ियों में मौजूद तमाम क़ीमती खनिज संपदा होने की वजह से पिछले 15 दिनों से इस इलाक़े का हेलिकॉप्टर सर्वेक्षण किया जा रहा है।' डीएम ने ये भी बताया कि भारत सरकार  सोनभद्र के अलावा मध्य प्रदेश के सिंगरौली ज़िले, यूपी के ही बलरामपुर और झारखंड के गढ़वा ज़िले के आंशिक भू-भागों में हेलिकॉप्टर के ज़रिए सर्वेक्षण  कर रही है।


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