Gold Loan Scam: आजमगढ़ में फर्जी लोन कराने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार, बलिया से आता था सोना
Azamgarh Crime News: फर्जी तरीके से लोन स्वीकृत करानेवाले गिरोह का तरीका बिल्कुल अनोखा था. गोल्ड के एवज में गरीब कम पढ़े लिखे लोगों का अकाउंट खुलवाया जाता था.
UP Crime News: आजमगढ़ की शहर कोतवाली पुलिस ने फर्जी लोन करानेवाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने अईनिया मंदिर के पास मंगलवार को कार्रवाई करते हुए चार सदस्यों को धर दबोचा. गिरोह का जाल अंतर प्रांतीय स्तर पर फैला हुआ है. गोल्ड लोन प्रकरण का दायरा पांच बैंक, सात बैंक की शाखा और यूपी के चार जिले और दिल्ली तक फैला हुआ है. पुलिस की जांच में अब तक 19 लाख 45 हजार के घोटाले का पता चला है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से जेवरात में 9 चेन और 8 कंगन बरामद किए हैं. घटना का खुलासा करते हुए सहायक पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल ने बताया कि अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज थे. फर्जीवाड़े का एक मुकदमा मुबारकपुर, एक शहर कोतवाली, दो कंधरापुर थाना में दर्ज होने के बाद पुलिस जांच कर रही थी. उन्होंने बताया कि फर्जी तरीके से लोन को लिया गया था. धोखाधड़ी में सात बैंक शाखाओं के कर्मचारियों की मिलीभगत होने का शक है.
फर्जी लोन कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़
फर्जी तरीके से लोन स्वीकृत करानेवाले गिरोह का तरीका बिल्कुल अनोखा था. गोल्ड के एवज में गरीब कम पढ़े लिखे लोगों का अकाउंट खुलवाया जाता था. अकाउंट में मिलने वाले लोन से गोल्ड की रकम शातिर निकाल लेते थे. नकली सोने को बैंक की तरफ से स्वीकृति मिलने पर कर्मचारी भी संदेह के घेरे में हैं. बलिया के सुनील कुमार वर्मा से सोना की खरीद होती थी. गिरोह भोले भाले ग्रामीणों को निशाना बनाता था. पकड़े गए गिरोह के सदस्यों की पहचान हो गई है. गिरोह के चारों सदस्य बस्ती और बलिया निवासी हैं. राजाराम तिवारी, विजय प्रताप वर्मा और रमेश कुमार वर्मा बस्ती के और सुनील कुमार वर्मा बलिया का रहनेवाला है.
पुलिस 4 सदस्यों को धर दबोचने में सफल
लोन में मिले पैसे को शातिर हड़प लेते थे. थोड़ा पैसा खाताधारकों को देकर आरोपी खुद रख लेते थे. शुभम अग्रवाल ने बताया कि बैंक शाखाओं की भूमिका को भी जांचा जा रहा है. लोन मंजूर करने के क्या नियम थे, गिरोह को कैसे लोन मिल जाता था, अपराधी गड़बड़ी को कैसे अंजाम देते थे. पुलिस तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है. सीओ सदर ने बताया कि मामले में दो लोग मनीष सिंह और राजन सिंह को पहले ही आजमगढ़ से गिरफ्तार किया जा चुका है. पकड़े गए दोनों आरोपी आजमगढ़ के रहनेवाले हैं.