Gomti Riverfront Scam: CBI ने की बड़ी कार्रवाई, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में की गई छापेमारी
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले को लेकर सीबीआई ने जांच तेज कर दी है सीबीआई ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी छापेमारी की है. राज्य सरकार ने चार साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी.
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Gomti Riverfront Scam: गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने आज एक साथ 40 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की. इस छापेमारी में नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी शामिल हैं. यहां पर सीबीआई की टीम लगभग सुबह 8:30 बजे पहुंची जिसके बाद उसने छापेमारी की कार्रवाई शुरू की गई.
सीबीआई ने की छापेमारी
बता दें कि, नोएडा के सेक्टर 29 स्थित 572 नंबर फ्लैट पर सुबह करीब 8:30 बजे सीबीआई की टीम पहुंची है और गोमती रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़ी जानकारी और दस्तावेजों को खंगाला. इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के NRI सिटी में भी सीबीआई ने छापेमारी कर जनकारी और साक्ष्य जुटाए.
सातेंद्र त्यागी का है फ्लैट
नोएडा के सेक्टर 29 के जिस फ्लैट में सीबीआई ने छापेमारी की है वो सातेंद्र त्यागी का है. सीबीआई की इन्वेस्टिगेशन में कोई अवरोध उत्पन्न ना हो इसलिए मीडिया और किसी भी सिविल व्यक्ति को अंदर जाने से पूरी तरह से रोक दिया गया था.
तेज कर दी है जांच
सीबीआई ने जिस तरह से 17 जिलों के 40 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है, उससे ये तस्वीर अब साफ हो जाती है कि गोमती रिवर फ्रंट घोटाले को लेकर सीबीआई ने अपनी जांच तेज कर दी है. उम्मीद है कि इस घोटाले से जुड़े हुए अधिकारियों और सफेदपोश लोगों को सीबीआई बेनकाब करेगी.
सपा सरकार में बना था रिवर फ्रंट
असल में गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के आरोप समाजवादी पार्टी सरकार पर लगते रहे हैं. रिवर फ्रंट सपा सरकार में गोमती नदी के किनारे बनवाया गया था, जिसका सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रचार करते रहे हैं.
सीबीआई कर रही है जांच
प्रदेश में 2017 में भाजपा सरकार आने पर मामले की जांच की बात कही गई थी, जिसके बाद से कई अफसरों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. मामले में अब फिर से छापेमारी का दौर शुरू हो चुका है. करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है. प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है. राज्य सरकार ने चार साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी.
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