Gonda News: शारदीय नवरात्र में गोंडा के कई देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है. भक्त श्रद्धा के साथ देवी मंदिरों में माता का दर्शन करने बड़ी संख्या में आते हैं. शारदीय नवरात्र शुरु होने के साथ ही गोंडा जिले में प्रसिद्ध और प्राचीन शक्तिपीठ मां बाराही देवी में इन दिनों श्रद्धालुओं की भीड़ काफी तेजी से बढ़ रही है. प्राचीन शक्तिपीठ मां बाराही देवी को उत्तरी भवानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो बेलसर ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत उमरी बेगमगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत मुकुंदपुर में स्थित है.
जानकारी के अनुसार यह 51 शक्तिपीठ में 34वां शक्तिपीठ है, यहां पर नवरात्र के अलावा भक्त सोमवार और शुक्रवार को माता का दर्शन कर पुण्य कमाते हैं. नवरात्र में भारत के पड़ोसी देश नेपाल और गोंडा के पड़ोसी जिलों सहित अन्य प्रांतों के लोग दर्शन करने आते हैं और लगभग लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता रानी का दर्शन करते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां पर जो भी भक्त मन्नत मांगता है, माता रानी उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं.
उमरी में स्थित वाराही देवी का मंदिर
बता दें कि गोंडा मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर बेलसर ब्लाक के उमरी में स्थित वाराही देवी (उत्तरी भवानी) में शारदीय नवरात्र में भक्तों का तांता लगा रहता है. भक्त श्रद्धा के साथ देवी मंदिरों में माता का दर्शन कर पुण्य कमाते हैं. बेलसर ब्लॉक क्षेत्र के उत्तरी भवानी देवी मंदिर है, जिसको मां बाराही देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह 51 शक्तिपीठ में 34वां शक्तिपीठ है.
जानें क्या मंदिर की कहानी
34वीं शक्तिपीठ मां बाराही देवी की मान्यता है कि जब भगवान शिव माता सती का शव लेकर तांडव मचाते हुए जा रहे थे, तो भगवान विष्णु ने अपने चक्र से माता सती के शव को छिन्न-भिन्न कर दिया था. ऐसे में जहां भी माता सती के शरीर का अंग गिरे वह अब शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है. माता सती के शरीर का 34वां अंग मुंह का जबड़ा उमरी बेगमगंज थाना क्षेत्र का मुकुंदपुर में गिरा था जो अब मां बाराही देवी (उत्तरी भवानी) मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां पर आज भी वह सुरंग मौजूद है, जहां पर मां का जबड़ा गिरा था और सीधे पाताल लोक चला गया था.
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