Gonda News: उत्तर प्रदेश के गोंडा में गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन न देने के लिए निजी स्कूलों ने गजब हथकंडा अपनाया है. जिले के 751 निजी स्कूलों ने गरीब बच्चों के एडमिशन से बचने के लिए शिक्षा के अधिकार RTE पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया. ये स्कूल आरटीई पोर्टल से गायब दिखाई दे रहे हैं. ताकि उनके स्कूलों में ये बच्चे एडमिशन न ले सकें और उनकी जगह मोटी फीस लेकर दूसरे बच्चों को पढ़ाया जा सके. 


ये हाल तब है जब गरीब बच्चों की शिक्षा, ड्रेस, किताबों का सारा खर्चा प्रदेश सरकार खुद उठाती है. शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में एक चौथाई गरीब बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य हैं. इसके लिए प्रदेश सरकार प्रति बच्चे को 450 रुपये मुहैया कराती है. ताकि गरीब के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. जो प्राइवेट स्कूलों में नहीं पढ़ पाते हैं उन्हें भी शिक्षा मिल सके, लेकिन निजी स्कूल सरकार की योजना पर पलीता लगाते दिख रहे हैं. लेकिन अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आरटीई पोर्टल से गायब जिले के 751 विद्यालयों को नोटिस जारी करते हुए रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए हैं


ऐसे स्कूलों को रजिस्ट्रेशन और मैपिंग न कराने पर मान्यता प्रत्याहारण को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद सचिव को पत्र लिखा जाएगा. अभी दो चरणों में हुई  लॉटरी के माध्यम से 600 बच्चों का एडमिशन प्राइवेट विद्यालयों में सरकारी खर्चों पर कराया गया है. 


नामी स्कूलों ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन


जिले के नामचीन फातिमा पब्लिक स्कूल,फातिमा हाई सेकेंडरी, फातिमा इंटर कॉलेज, सेंट जेवियर्स, सेंट थॉमस, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, सरस्वती शिशु बालिका इंटर कॉलेज, सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज,एम्स इंटर कॉलेज,रवि चिल्ड्रन व महर्षि विद्या मंदिर सहित 751 विद्यालय ने आरटीआई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. जिसकी वजह से इन स्कूलों का नाम वेबसाइट पर आता ही नहीं है. 


समाजसेवी राजकुमार जायसवाल ने कहा कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्यवाई होनी चाहिए. ताकि सारे स्कूल आरटीई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराएं. वहीं अभिभावकों ने कहा कि हमें ये जानकार हैरानी हो रही है कि 751 निजी स्कूल ने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया है ताकि गरीब बच्चों का शिक्षा का ये अधिकार न मिल सके. जो बच्चे गरीब होते हैं वो समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर न चल सकें. उन्होंने कहा ऐसे स्कूलों पर जुर्माना लगना चाहिए और कड़ी सजा देनी चाहिए.


निजी स्कूलों ने दी ये दलील 


सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. बृजेंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी तरफ से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन ना कराना बचना नहीं है, बल्कि हमारे पास अभी गोंडा के शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रकार से कोई सूचना नहीं आई है कि आप अपना रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर कराइए. अगर सूचना आती है तो हम आरटीई पोर्टल पर अपने विद्यालय को रजिस्टर्ड भी करेंगे और हम भी चाहते हैं जो बच्चे आर्थिक दृष्टि से बहुत पिछड़े हैं और शुल्क नहीं दे पाते है उनको देने में असुविधा होती है. जो भी सरकार और जिला प्रशासन की योजना होगी उसके साथ हैं. 


ऐसे स्कूलों पर हो सकती हैं कार्रवाई


गोंडा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, आरटीई पोर्टल पर प्राइवेट स्कूल जो हमसे मान्यता प्राप्त है उनका रजिस्ट्रेशन और मैपिंग किया जाता है. रजिस्ट्रेशन और मैपिंग जब हो जाती है तब वह प्राइवेट विद्यालय आरटीई पोर्टल पर शो करते हैं और उसके बाद गरीब बच्चे नामांकन के लिए उसमें आवेदन करते हैं. जिनकी मैपिंग नहीं हुई उसमें स्कूलों की भी लापरवाही है और हम लोगों को जो लिस्ट दी गई थी उसमें खंड शिक्षा अधिकारियों की भी लापरवाही है. ब्लॉक पर खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालय से संपर्क कर उनका रजिस्ट्रेशन और आरटीई पोर्टल पर मैपिंग कराएं. 


अगर रजिस्ट्रेशन और मैपिंग नहीं कराई जाती है और विद्यालय द्वारा सहयोग नहीं किया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और मान्यता रद्द की कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेज दिया जाएगा. अब तक जिले में 2 चरणों में लॉटरी के जरिए 600 बच्चों का सरकारी खर्चे पर निशुल्क प्रवेश कराया गया है. तीसरी लॉटरी होने वाली है इस लॉटरी में भी कई बच्चों का एडमिशन कराया जाएगा. 


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