Ukraine Russia War: यूक्रेन में इस समय युद्ध जैसे हालात हैं और भारत सहित अन्य देशों के जो छात्र हैं वहां पढ़ाई करने के लिए गए थे अपने वतन आने के लिए बेताब हैं. यूक्रेन (Ukraine) में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा में लगभग 14 बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई करने लिए यूक्रेन गए थे जिसमें से 8 छात्र वापस आ गए. कर्नलगंज (Colonelganj)कस्बे के रहने वाले सुयश गुप्ता सकुशल प्रशासन की मदद से अपने घर पहुंच गए. इटियाथोक थाना क्षेत्र के मध्य नगर गांव के रहने वाले आकाश सिंह भी गोंडा पहुंच गए हैं.


ये अधिकारी पहुंचे घर
दोनों एमबीबीएस के छात्रों के अपने घर वापस आने पर परिवार वालों में खुशी का माहौल है. सुयश गुप्ता के घर पहुंचने पर कर्नलगंज के उप जिलाधिकारी और तहसीलदार उसके घर पहुंचे. उनका फूल माला से स्वागत किया गया. जिलाधिकारी के आदेश पर अपर जिला अधिकारी सुरेश सोनी और आपदा प्रबंधन के अधिकारी आकाश सिंह के घर पहुंचे और उनका हालचाल जाना.


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मकान के सामने था बंकर
कर्नलगंज नगर के गांधीनगर निवासी डाक्टर रमेश कुमार के यूक्रेन में डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे बेटे सुयस के विमान के लैंड करने की खबर मिली तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा. नगर के तमाम लोग और रिश्तेदार सुयस की सकुशल घर वापसी पर शुभकामनाएं देते नजर आये. युद्ध की दहशत तो पहले से ही थी मगर पिछले एक सप्ताह से हालात बद से बदतर हो गये थे. जिस फ्लैट में सुयस रहते थे उसी के सामने बंकर बनाया गया था. इनका फ्लैट क्यू सिटी से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर था. जैसे ही खतरे का आभास होता था और सायरन बजता सभी बंकर में चले जाते. 


14 में सात छात्र वापस आए
छात्र ऐसे में नींद भी ठीक से नहीं ले पा रहा था. 4 मार्च को जब सुयस को रोमानिया बॉर्डर पर लाया गया तो वापसी की उम्मीद जगी. सेलसिया हवाई अड्डे से दिल्ली के लिये उड़ान भरने के बाद सुबह 4 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान ने लैंड किया. जहां से सरकार द्वारा वाहन उपलब्ध कराया गया. सुयस की मां ने बताया कि अब मेरा बेटा दहशत के माहौल से निकल चुका है. अब वह अपने वतन की आजाद धरती पर सांस ले पा रहा है. जिले के अपर जिला अधिकारी सुरेश सोनी ने बताया कि गोंडा के 14 बच्चे यूक्रेन में पढ़ाई करने के लिए गए थे जिसमें से 7 बच्चे आ गए हैं.


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