गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पंडरी कृपाल के सालपुर ग्राम पंचायत में बिना काम कराए 20 लाख रुपये निकालने का मामला सामने आया है. पूर्व ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी ने मिलकर पूरे खेल को अंजाम दिया है. पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान अपनी ग्राम पंचायत के विकास के लिए खाका बनाकर ब्लॉक पहुंचे और गांव का विकास करने के साथ लोगों को रोजगार देने की बात कही. जब ब्लॉक के अधिकारियों ने बताया कि वहां पर सारे काम हो गए हैं और पैसा भी बीते मार्च में निकाल लिया गया है तो नवनिर्वाचित प्रधान के पैरों तले जमीन खिसक गई. 


गठित की गई जांच टीम 
जैसे ही पूरे मामले की जानकारी पूर्व प्रधान को हुई तो कार्रवाई के डर से प्रधानी का चुनाव हारने के बाद सड़क निर्माण करवाने लगा. मौजूदा रोजगार सेवक नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने पूर्व प्रधान के इस काम का विरोध किया है और कार्रवाई की मांग उठाई. एबीपी गंगा की टीम से मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि आपके जरिए पूरे प्रकरण की जानकारी हुई है. जांच टीम गठित कर दी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. 


पहले ही निकाल लिया गया पैसा 
पंडरी कृपाल ब्लॉक की ग्राम पंचायत सालपुर में सड़कें बनाई जा रही हैं और खास बात ये है कि इसका पैसा ग्राम पंचायत चुनाव से पहले बीते मार्च माहीने में ही निकाल लिया गया था. ऐसी कई सड़कें हैं जिसका पैसा पहले ही निकाल लिया गया. संबंधित अधिकारियों की संलिप्तता के चलते ये पूरा खेल रचा गया. लेकिन, अब कार्रवाई के डर से पूर्व प्रधान सड़क निर्माण करवा रहा है जिससे ग्रामीणों में रोष है. 


मामले में हो कार्रवाई  
नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक का कहना है कि जब हम गांव की सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव लेकर ब्लॉक पहुंचे तो वहां जानकारी हुई इन सड़कों का पैसा तो पहले ही निकाल लिया गया है, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ, उसकी एक सूची निकाली गई. सूची में कई सड़कें हैं जहां पर सड़क निर्माण का काम नहीं हुआ और पैसे निकाल लिए गए. शौचालय का टैंक बनवाने के नाम पर खूब पैसे निकाले गए लेकिन मौके पर कोई भी शौचालय का टैंक नहीं बना हुआ है. लगभग 20 लाख रुपए की पूर्व प्रधान और संबंधित अधिकारियों ने बंदरबांट की है. पूरे मामले पर कार्रवाई होनी चाहिए. 


पूर्व ग्राम प्रधान पर कार्रवाई की मांग
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों ने ग्राम प्रधान को चुनाव जीतवाकर प्रधान बनवाया था कि इस लॉकडाउन के दौरान ग्राम पंचायत स्तर पर हम लोगों को रोजगार मिलेगा. लेकिन, जब ग्राम प्रधान कामों का प्रस्ताव लेकर ब्लॉक जाते हैं तो हर काम के बारे में उनको जानकारी मिलती है कि इस काम का पैसा निकाल दिया गया है और काम हो गया है. जबकि, मौके पर कोई काम नहीं हुआ है. अब पूर्व ग्राम प्रधान कार्रवाई के डर से दबाव में काम करवा रहे हैं. पूरे मामले में पूर्व ग्राम प्रधान पर कार्रवाई होनी चाहिए.


कार्रवाई की जाएगी
एबीपी गंगा की टीम से जिले के मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि इसकी कोई ऑफिशियल कंप्लेंट उन्हें नहीं प्राप्त हुई है. मीडिया के जरिए पूरे प्रकरण की जानकारी हुई है. मिली सूची के आधार पर जांच टीम का गठन करके पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 


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