UP Police News: गोंडा के साइबर सेल और कोतवाली देहात पुलिस ने साइबर अपराध करने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. अपराधियों के पास से 369  मोबाइल फोन बरामद किया गया है. ये लोग चोरी की मोबाइल कम दाम पर खरीदते थे और बंगाल ले जाकर महंगे दामों में बेचा करते थे. साइबर पुलिस ने अपनी सफलता के आधार पर 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. यह लोग मोबाइल फोन का उपयोग कर काल पर विविध तरीकों से बैंक डिटेल की जानकारी मांग कर उससे धोखाधड़ी भी करते थे.


साइबर सेल और थाना कोतवाली देहात की संयुक्त टीम ने की कार्रवाई


साइबर सेल और थाना कोतवाली देहात की संयुक्त टीम द्वारा साइबर अपराध में सहयोग करने वाले गिरोह के 5 सदस्यों- मोहम्मद फिजूल शेख, सफीरूल शेख, जब्बार उल मेला, हबीबुल शेख और विकास उर्फ गयासुद्दीन को गिरफ्तार किया. उनके कब्जे और निशानदेही से चोरी और छिनैती के 369 एण्ड्राएड मोबाइल फोन के साथ कीपैड फोन के और विभिन्न कम्पनियों के टेबलेट भी बरामद किया गया है. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि हम लोग सस्ते दाम पर लोगों से चोरी के और पुराने मोबाइल खरीदते हैं और यहाँ उसके पार्ट्स अलग कर पश्चिम बंगाल ले जाकर पुनः असेम्बल कर महंगे दामों में बेचते हैं. आरोपियों ने बताया कि वहां पर जो लोग खरीदते हैं वह अपना नाम पता नहीं बताते हैं.


वह लोग इन मोबाइलों का पुनः उपयोग कर कॉल करके और भिन्न-भिन्न तरीकों से लोगों के बैंक डिटेल की जानकारी करके उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं.


साइबर फ्रॉड में भी इन फोनों का इस्तेमाल होता था


अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज प्रजापति ने जानकारी देते हुए बताया कि गोंडा एसपी के निर्देशानुसार जनपद के सर्विलांस सेल और साइबर सेल द्वारा चोरी और गुमशुदा मोबाइल की जो सूचना मिलती है उनको बरामदगी करने का प्रयास किया जा रहा था. इसी क्रम में इनके द्वारा कोतवाली देहात पुलिस के साथ मिलकर पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये पांचों लोग मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. ये लोग चोरी और छिनैती के मोबाइल फोनों को कम दामों पर लेकर बंगाल में डायवर्ट कर रहे थे. प्रथम दृष्टिया ये भी जानकारी मिली है कि इनके पास जो अच्छे मोबाइल फोन रहते थे लोग इनसे ले लेते थे और वो साइबर फ्रॉड में इनका इस्तेमाल करते थे.


कुछ मोबाइल की मेमोरी से डाटा निकालकर के यूजर्स के सेंसिटिव पर्सनल इंफॉर्मेशन रहते थे अगले साइबर अपराधों में इस्तेमाल करते थे. कुछ जो कबाड़ बचता था उसे किलो के भाव में बेच देते थे. फिलहाल इन पांचों को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है और ये जानकारी निकाली जा रही है कि इन मोबाइल का कहां-कहां उपयोग हो रहा था.


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