Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला अस्पताल (Gonda District Hospital) में डॉक्टरों की उदासीनता और लापरवाही के चलते एक बुजुर्ग की इलाज के अभाव में मौत हो गई. यहां इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बुजुर्ग का इलाज नहीं किया. बेटा अपने बाप को गोद में लेकर बैठा रहा लेकिन आधे घंटे तक कोई डॉक्टर उसकी सुध लेने नहीं आया. बुजुर्ग की मौत के बाद भी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने स्ट्रेचर और शव वाहन नहीं उपलब्ध कराया. इस वजह से पीड़ित अपने बुजुर्ग पिता के शव को गोद में लेकर वहां से चला गया. इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के मुखिया का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद जांच करके कार्रवाई की जाएगी.
विवादों से पुराना नाता
बता दें की गोंडा जिला अस्पताल का ऐसे विवादों से पुराना नाता रहा है. जहां सरकारें एक तरफ स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक करने के तमाम दावे कर रही हैं तो वहीं उनके दावों की पोल खुद स्वास्थ विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली हमेशा खोलती रहती हैं. गोंडा जिला अस्पताल में एक बेटे की गोद में बैठे पिता की इलाज के अभाव में मौत हो गई. बेटा अस्पताल में इमरजेंसी के गेट पर बैठा था और उसकी गोद में उसके पिता ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. इसके बाद वहां से सिसकता हुआ बेटा अपने पिता के शव को गोद में उठाकर घर की तरफ चल दिया.
इलाज के अभाव में तोड़ा दम
ग्रामीण अस्पताल से एक बेटा अपने पिता का इलाज कराने गोंडा के जिला अस्पताल पहुंचा था. यहां उसे अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ अच्छे डॉक्टर होने का भी भरोसा था लेकिन जब वह जिला अस्पताल में मौजूद इमरजेंसी में पहुंचा तो उसकी सारी आशाओं पर पानी फिर गया. वह अपने पिता को अपनी गोद में लेकर इमरजेंसी के बाहर गेट पर कई घंटे तक बैठा रहा लेकिन उसको स्वास्थ्य सुविधा मुहैया नहीं कराई गई और इलाज के अभाव में पिता ने दम तोड़ दिया.
कराई जाएगी जांच-सीएमओ
इस घटना ने मानवता को शर्मसार किया है. इस बेटे को जिला अस्पताल में मौजूद शव वाहन भी नहीं मिला और उसे अपने पिता का शव गोद में उठाकर अपने घर ले जाना पड़ा. यह हाल तब है जब हमारे देश और प्रदेश में मौजूदा सरकार अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे कर रही हैं और अरबों रुपए पानी की तरह बहा रही है. वहीं इस पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि, यह बहुत ही गंभीर विषय है कि अस्पताल के गेट तक पहुंचकर भी इलाज नहीं मिला. इस विषय में जैसे ही शिकायत मिलेगी टीम बनाकर जांच कराई जाएगी.
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