Gonda News: बीजेपी सांसद के बयान के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया, बाढ़ इंतजाम को लेकर गिनाए आंकड़े
Gonda Flood: कैसरगंज बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने गोंडा में आई बाढ़ के बदइंतजाम को लेकर जिला प्रशासन पर निशाना साधा था. जिसके बाद डीएम ने बाढ़ के इंतजाम को लेकर आंकड़े पेश किए.
Gonda News: गोंडा (Gonda) में सरयू और घाघरा नदी उफान पर है जिसके चलते दो तहसील बाढ़ से प्रभावित हैं. तरबगंज तहसील क्षेत्र के नवाबगंज के गांव के गांव टापू में तब्दील होने के साथ पूरे गांव में पानी भरा है और दोनों तहसील मिलाकर लगभग दो लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. कैसरगंज बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने गोंडा में आई बाढ़ के बदइंतजाम को लेकर जिला प्रशासन पर निशाना साधा था. उनका कहना था कि हमारे जीवन में अभी तक बाढ़ आने के बाद बाढ़ के इतने बदइंतजाम कभी नहीं थे बाढ़ में फंसे लोग केवल भगवान का सहारे बैठे हैं.
जिला प्रशासन ने आंकड़े पेश किए
बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के इस बयान के बाद जिला प्रशासन ने हरकत में आते हुए बाढ़ आने से पहले की गई तैयारियों और बचाव कार्यों के आंकड़े पेश किए. जिला अधिकारी ने बताया कि बाढ़ आने से पहले 3 बार बैठक की गई है. लगभग 2 लाख 28 हजार 89 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. लोगों के आने जाने के लिए 479 नावों के साथ एसडीआरएफ ओर पीएसी लगाई गई है. चार मोटर बोट लगाए गए हैं. लोगों को राहत सामग्री के तौर पर 4617 राशन किट 7286 त्रिपाल वितरित किए गए हैं. साथ ही साथ लोगों को गर्म खाने के लिए 5 लाख 75 हजार लंच पैकेट बांटे गए हैं. पशुओं के चारे के लिए 500 किलो भूसा वितरित किया गया है और 2 लाख 27 हजार 4000 पशुओं का टीकाकरण करने के साथ 2406 पशुओं का उपचार किया गया है.
इसी के साथ उन्होंने आगे बताया कि अब तक बाढ़ से 3 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें परिवार को चार लाख प्रति व्यक्ति की सहायता दी गई है. सभी 26 बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं. 24 घंटे कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है. हर अधिकारी बाढ़ में फंसे लोगों के घर पर खाना और राशन पहुंचा रहा है. जिला प्रशासन पूरे तरीके से हर बाढ़ पीड़ित के घर पहुंच रहा है.
बीजेपी सांसद ने दुर्दशा का लगाया था आरोप
कैसरगंज बीजेपी सांसद ने बाढ़ की दुर्दशा को लेकर बताया था कि सन 1984 में इस प्रकार की स्थिति हम लोगों ने देखी थी. उसके बाद 2008 में और अब 2 फीट ऊपर पानी है. इसलिए ट्रैक्टर चलाया जा रहा है. कई दिनों से हम लोग टैक्टर का प्रयोग कर रहे हैं क्योंकि मोटरसाइकिल और अन्य वाहन यहां पर चलना संभव नहीं है. जिला प्रशासन के बारे में मत ही पूछिए तो अच्छा है पहले कोई भी सरकार होती थी बाढ़ के पहले तैयारियों की एक बैठक होती थी. भगवान के भरोसे लोग हैं और इंतजार कर रहे हैं कि कब पानी टूटेगा और कब हमारी तकलीफ कम होगी. मैंने अपने जीवन में इतना खराब इंतजाम कभी नहीं देखा. जिसके बाद जिला प्रशासन ने आंकड़े पेश किए.
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