UP Assembly Election 2022: गोंडा के कटरा विधानसभा में एक बार फिर से चुनावी संग्राम शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने दो बार से बीजेपी विधायक रहे बावन सिंह पर एक बार फिर से भरोसा जताया है और वह मैदान में ताल ठोक कर जनता के बीच जनसंपर्क कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण चेहरा बैजनाथ दुबे को मैदान में उतारा है. वे 2002 और 2007 में समाजवादी पार्टी से विधायक रह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेता विनोद शुक्ला टिकट ना मिलने से नाराज होकर अब बसपा का दामन थामकर वह भी ब्राह्मण चेहरा माने जा रहे हैं.


सभी की नजर ब्राह्मण मतदाताओं पर
कटरा विधानसभा में करीब चार लाख मतदाता हैं जिसमें ब्राह्मण मतदाता सबसे अधिक हैं. मुस्लिम और ओबीसी मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं. क्षत्रिय और दलित मतदाता भी हैं. करीब डेढ़ लाख मतदाता ब्राह्मण समाज से आते हैं. समाजवादी पार्टी से बैजनाथ दुबे और बसपा से विनोद शुक्ला दोनों ब्राह्मण कैंडिडेट हैं. वे ब्राह्मण समाज के वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए हथकंडे अपना रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायक और प्रत्याशी बावन सिंह की नजर भी ब्राह्मणों पर है. बावन सिंह ने समाजवादी की लहर 2012 में भी अपनी सीट पर कमल खिलाया था और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बैजनाथ दुबे को 30,811 वोट से हराया था.


क्या है राजनीतिक इतिहास
कटरा विधानसभा के राजनीतिक इतिहास की बात की जाए तो यहां सन 1985 में लोक दल से फसीरुहमान ने जीत हासिल की की थी तो सन 1989 में कांग्रेसी से मुरलीधर मनीम जीते. 1991 और 93 में बीजेपी से राम सिंह ने जीत हासिल की थी और सन 1996 के चुनाव में बीजेपी से बावन सिंह ने जीत हासिल की थी. बैजनाथ दुबे समाजवादी पार्टी से 2002 और 2007 में लगातार विधायक रहे तो वहीं मौजूदा विधायक बावन सिंह 2012 और 2017 में लगातार दो बार बीजेपी से जीत हासिल कर चुके हैं और 2022 के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.


मुस्लिम, छत्रिय, ओबीसी, दलित भी निर्णायक
चुनावी समीकरण कटरा विधानसभा में कुल मतदाता 3,74,524 के करीब है. जिसमें पुरुष मतदाता की संख्या 2,01,709 है और महिला मतदाता 1,72,813 हैं. इस सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. उसके बाद मुस्लिम, छत्रिय,ओबीसी और दलित मतदाता भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं. कटरा विधानसभा के मुद्दा की बात की जाए तो यहां पर विकास, युवाओं को रोजगार, किसान, बधाई चीनी मिल की बदहाली और छुट्टा जानवरों का आतंक है.


बीजेपी-सपा में मुकाबला
तीनों पार्टी के कद्दावर नेता ब्राह्मण वोटरों को साधने में लगे हैं. ब्राह्मण वोट का किस पार्टी के तरफ रुझान है यह तो मतदान और मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा. यहां भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है और ब्राह्मण चेहरा विनोद शुक्ला के बसपा में जाने से दोनों पार्टी को कुछ ना कुछ नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है. लड़ाई बीजेपी और सपा के बीच है.


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