Gonda News: गोंडा में हर साल तहसील क्षेत्र के कुछ हिस्से बाढ़ की त्रासदी से प्रभावित होते हैं. गोंडा में घाघरा नदी और सरयू नदी के किनारे बसे गांव में कटान के चलते लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर उचित स्थानों पर चले जाते हैं. गोंडा के दो तहसील कर्नलगंज और तरबगंज के सैकड़ों गांव में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने पर बाढ़ जैसे हालात होते हैं. जिला प्रशासन संभावित बाढ़ को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी कर चुका है. बीते दिनों जिलाधिकारी ने बाढ़ खंड के अधिकारी सिंचाई विभाग के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के साथ बाढ़ से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की एक्सरसाइज करवाई थी.
जिला प्रशासन ने संभावित बाढ़ को लेकर पूरी की तैयारी
जिला प्रशासन ने कटान वाले क्षेत्रों की मरम्मत पूरी करा दी है. लोगों को संभावित बाढ़ आने से पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. साथ ही लोगों के लिए राशन की भी व्यवस्था कर ली गई है. जिला अधिकारी के साथ उप जिला अधकारी और बाढ़ खंड अधिकारी लगातारबांध बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं. फिलहाल अभी गोंडा में घाघरा और सरयू नदी खतरे के निशान से नीचे है लेकिन जैसे ही नदियां खतरे के निशान से ऊपर होगी तो बाढ़ जैसे हालात होंगे. जिलाधिकारी ने बताया कि संभावित बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन, सिंचाई विभाग और बाढ़ खंड के अधिकारी सभी तैयारियां पूरी कर चुके हैं. दोनों तहसील के उपजिलाधिकारी लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं. साथ ही संवेदनशील बांध की सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है और ड्रेजिक आकार लगभग पूरा हो चुका है.
सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश
जिला प्रशासन ने सारी तैयारी पूरी कर ली है कि बाढ़ आने पर लोगों को राहत सामग्री और अन्य सुविधाएं दी जा सके. बाढ़ पीड़ितों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को सक्रिय कर दिया है.बीते दिनों जिलाधिकारी ने एल्गिन चरसड़ी बंधा के नकहरा का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान बंधा के पास के सभी गांव की जानकारी ली गई तथा लोगों से समस्याओं के बारे में जानकारी करते हुए वहां पर उपस्थित संबंधित क्षेत्र के लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तथा उप जिलाधिकारी हीरालाल को निर्देश देते हुए कहा कि बंधा के किनारे बसे हुए गांव के लोगों को बाढ़ के समय कोई समस्या न होने पाए. साथ ही गांव के लोगों को बिजली व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था आदि सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय गांव वासियों का कोई नुकसान न होने पाए इस पर विशेष ध्यान रखा जाये.
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