Gonda News: गोंडा के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत धौरहरा गांव के रहने वाले फूल व्यवसाई अर्जुन राजपूत की अपहरण की सूचना झूठी निकली है. अर्जुन राजपूत ने कर्ज से परेशान होकर खुद के अपहरण की साजिश रची थी. अर्जुन ने अपने ही नंबर से आवाज बदलकर परिजनों से 70 लाख फिरौती की मांग की थी. कर्नलगंज कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर महज 36 घंटे के अंदर उसे हरिद्वारे हरकी पौड़ी से बरामद कर लिया है. एसपी ने इस मामला में पुलिस टीम को 10000 के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया है.


बीते 25 जुलाई को फरियादी चंद्रिका प्रसाद पुत्र स्वर्गीय महावीर राजपूत निवासी धौरहरा पोस्ट बरगदी ने कोट थाना कोतवाली कर्नलगंज में सूचना दी की उनका लड़का अर्जुन राजपूत उम्र करीब 35 वर्ष 24जुलाई को समय करीब शाम 4 बजे कर्नलगंज बाजार गया था, तब से घर वापस नहीं आया है. सूचना के आधार पर थाना कर्नलगंज में तत्काल गुमशुदगी दर्ज कर कार्रवाई कर रही थी. तभी देर रात फरियादी ने पुलिस को सूचना दी की उसके दूसरे बेटे के फोन पर किसी ने कॉल कर अर्जुन को छोड़ने के एवज में 70 लाख फिरौती की मांग की है.


हरिद्वार से किया गया बरामद
इस सूचना पर थाना कोट कर्नलगंज पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मुकदमा पंजीकृत कार्रवाई शुरू कर दी थी. पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने घटना को गंभीरता से लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी के पर्यवेक्षण व क्षेत्राधिकारी कर्नलगंज के नेतृत्व में कुल तीन टीमों का गठन कर एसओजी/सर्विलांस टीम को भी अपहृत की सकुशल बरामदगी हेतु लगाया गया.  सभी पुलिम टीमों की मेहनत एवं प्रयासों के बाद अपहृत व्यापारी को टेक्निकल व अन्य  मैनुअल साक्ष्यों के आधार पर हरिद्वार के हरकी पैड़ी (उत्तराखण्ड) से सकुशल बरामद कर लिया गया. 


अर्जुन ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने आसपास के लोगो से कुल 31 लाख 20 हजार रूपये के लगभग उधार लिये थे. जो मैने अपने घर वालों को नही बताया था. खेती मे नुकसान हो जाने के कारण उधार का पैसा वापस नही कर पा रहा था. पैसे वापस करने के तनाव को लेकर मै दिनांक 24 जुलाई 2024 को दोपहर के लगभग 3.00 बजे दिन मे घर से मोटरसाइकिल से अपने किराये की दुकान कस्बा कर्नलगंज आया तब मेरे पास 1000 रूपये पहले से थे. उसी समय अपने दोस्त से 1000 रूपये उधार लिये, इसके बाद मोटरसाइकिल अपनी किराये की दुकान के पास खडी कर दी, उसके बाद एक व्यक्ति के साथ बैठकर बहराइच मोड कस्बा कर्नलगंज गया. 


कर्ज से छुटकारा पाने के लिए रची अपहरण की साजिश
अर्जुन ने पुलिस को बताया कि उसने अपने मोबाईल से घर वालो को फोन किया और आवाज बदलकर किडनैपिंग की सूचना दी. घर वालों को बताया कि मै आपके भाई को गोरखपुर मे लेकर आया हूँ उसके बाद मैंने मोबाइल बन्द कर लिया, फिर रात 02:35 बजे ट्रेन पकडकर लक्सर गया, वहां से फिर 10 रूपये का टिकट लेकर के हरिद्वार गया. घाट पर मुझे एक कान साफ करने वाला मिला, जिसको मैने 100 रूपये दिये और अपने घर तथा पूर्व प्रधान रामकुमार को फोन कर 70 लाख रूपये की फिरौती के लिए उसी कान साफ करने वाले से फोन पर कहलवाया. मुझे किसी भी व्यक्ति ने किडनैप नही किया था. अपहृत पूर्ण रूप से सुरक्षित है, उसका मेडिकल करा दिया गया है ,उसे किसी भी प्रकार की चोट नही है.


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