Gonda Train Accident: चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस  ट्रेन मोतीगंज-झिलाई के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे में दो यात्रियों की दु:खद मौत हो गई और 7 यात्री घायल हो गए, जिसमें 6 को हल्की चोटे आई हैं. ट्रेन में सवाल लोगों को उनके घर भेजने के लिए गोरखपुर से स्पेशल ट्रेन रवाना हो गई है. लेकिन इस हादसे में जिन लोगों की जान बची उनके चेहरे पर अब भी मौत का खौफ देखा जा सकता है. 


गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन पर मनकापुर से चली स्‍पेशल ट्रेन देर रात 12 बजे के करीब पहुंची. इस दौरान इस स्‍पेशल ट्रेन में वो यात्री सवार रहे हैं, जिन्‍होंने कुछ ही घंटे पहले मौत का ऐसा भयावह मंजर देखा था. जिसे याद कर वे सिहर जा रहे हैं. जब ये हादसा हुआ, तो तेज आवाज के बाद ट्रेन डिरेल हो गई. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्‍सप्रेस में सवार अधिकतर यात्री असम जाने के लिए इसमें बैठे थे. लेकिन उन्‍होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मौत उन्‍हें इतनी करीब से छूकर लौट जाएगी.


रेल हादसे में मौत छूकर निकल गई
गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन के प्‍लेटफार्म नंबर 1 पर 12 बजे पहुंचीं, तो यात्रियों के चेहरे पर खौफ साफ दिखाई दिया. असम जा रही सुमी ने बताया कि वे ए-1 कोच में सवार थी. वे कहती हैं कि उनके सामने वाला कोच पूरी तरह से क्षतिग्रस्‍त हो गया. उनके डिब्‍बे में सवार उनकी आंटी बेहोश हो गई. पूरी तरह से दहशत का माहौल था. 2.45 बजे के करीब हादसा हुआ. 45 मिनट बाद रेल प्रशासन ने रेस्‍क्‍यू आपरेशन शुरू किया. वे लोग हादसे से काफी डरे हुए हैं.




मोहित राज ने बताया कि ट्रेन सही चल रही थी. उसके बाद पता चला कि ट्रेन डिरेल हो गई. ट्रेन डिरेल होने से तार टूट गए थे. डिब्‍बे गिर गए थे. कई डिब्‍बे पलटे हुए थे. वहां रेलवे की ओर कोई व्‍यवस्‍था नहीं हुई. इसके बाद प्रशासन-पुलिस और रेलवे के अधिकारी पहुंचे. अचानक हुए हादसे से डर गए. घिसटने और झटका लगने की आवाज आ रही थी. ऐसा लग रहा है कि नई मिट्टी की जमीन होने की वजह से वहां पर दलदल जैसा था. ऐसा लग रहा है इसी वजह से हादसा हुआ है. इंजन सही सलामत निकल गया. इसके बाद के सारे डिब्‍बे पलट गए थे.


आंखों के सामने हुई मौत
मनोज कुमार सेन ने बताया कि वे ए-2 में सवार रहे हैं. गोंडा के कुछ दूर बाद अचानक ट्रेन डिरेल हो गया. ऐसे हादसे हर महीने हो रहे हैं. ये बहुत ही भयावह दृश्‍य था. एसी-1 और एसी-2 कोच डैमेज हो गया. एक बच्‍चा को काफी चोट लगा. उनकी बेटी और मिसेज बेहोश हो गई. रेलवे ने तुरंत एक्‍शन लिया. 20 मिनट के अंदर एक्‍शन लिया. अस्‍पताल में ले गए. इलाज के बाद गाड़ी का इंतजाम किया. बस से वे लोग मनकापुर पहुंचे. वहां से इस स्‍पेशल ट्रेन में सवार हुए हैं. उन्‍हें डर लग रहा है. वे सोच रहे हैं कि पैदल ही जाएं, तो अच्‍छा होता.


मनोज की पत्‍नी मुन्‍ना सेन ने बताया कि वो काफी डरी हुई हैं. उन्‍होंने बताया कि तेज आवाज आई. इसके बाद ट्रेन पटरी से पलट गई. लोकल लोगों ने काफी मदद की. वे सिसकते हुए कहती हैं कि हादसे में उनके सामने बैठे लड़के का पैर और हाथ कट गया. उसकी मौत हो गई. उसे लोग अस्‍पताल लेकर गए. ये मंजर देखकर वो काफी सदमें में आ गईं और बेहोश हो गईं. अस्‍पताल में उनका इलाज हुआ. चिकित्‍सक, आरपीएफ और अन्‍य लोगों ने चाय पिलाने और ट्रीटमेंट के बाद बस से मनकापुर से इस ट्रेन में सवार हुई हैं.




हादसे से पहले लगा जोर का झटका
उज्‍जवल कुमार बताते हैं कि वे लोग ऊपर सोए थे. एस-5 में सवार थे. मोबाइल देख रहे थे. धीरे-धीरे ट्रेन धीमी हुई. इसके बाद जोर का झटका लगा, तो उनका मोबाइल नीचे गिर गया. स्‍थानीय लोगों ने मदद कर लोगों को बाहर निकाला. प्रशासन एक घंटे के बाद लोग पहुंचे. स्‍थानीय लोगों और खुद की मदद से बाहर निकले. वहां से मनकापुर आटो और बस से मनकापुर पहुंचे. बहुत से लोग घायल थे. 5 से 6 बॉडी दिख रही थी. एसी कोच में अधिक नुकसान हुआ. वो पटरी से नीचे गड्ढे में गिर गई. वे लोग चंडीगढ़ के पहले माता वैष्‍णोदेवी के दर्शन कर वहां पहुंचे और अब दोस्‍तों के साथ घर मुजफ्फरपुर जा रहे हैं.


गौतम बताते हैं कि वे स्‍लीपर बोगी में थे. एकाएक आगे से आवाज आया. अचानक ट्रेन डिरेल हो गई. इसके बाद एसी बोगी पानी में था. बाहर भी लोग पड़े हुए थे. वहां पर काफी भयावह मंजर था. वहां पर रेलवे ने एंबुलेंस से मनकापुर स्‍टेशन पर पहुंचे. यहां पर इस ट्रेन में चढ़े हैं. वे अररिया बिहार के हैं. वे पेपर देने के लिए गए थे. यहां पर खाने-पीने का इंतजाम ट्रेन में किया गया है.


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