Gonda Flood: गोंडा में नेपाल (Nepal) से छोड़े गए पानी के बाद घाघरा (Ghaghara) और सरयू नदी (Saryu River) पूरे उफान पर बह रही हैं. जिसकी वजह से तरबगंज और कर्नलगंज क्षेत्र पूरी तरीके से बाढ़ (Flood) से प्रभावित हैं. अयोध्या (Ayodhya) से सटे हुए नवाबगंज का माझा इलाका पूरी तरीके से सरयू नदी की वजह से जलमग्न हो गया है. नदी से करीब 1 किलोमीटर दूर का क्षेत्रफल पानी से घिर गया हैं. यहां सैकड़ों बीघा फसले बर्बाद हो गई हैं. जिन सड़कों पर गाड़ियां दौड़ा करती थी आज वहां नावें चल रही हैं. जिन लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है वो ऊंची जगहों पर रह रहे हैं या पक्के मकान की छत पर जीवन बिताने के मजबूर हैं.
ग्राउंड जीरो पर दिखा बुरा हाल
गोंडा में बाढ़ की वजह से तरबगंज और कर्नलगंज तहसील के करीब 150 गांव बाढ़ की चपेट में है और करीब एक लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. जहां एक तरफ बाढ़ की वजह से आम आदमी परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ पशुओं को भी चारे की भी दिक्कत हो रही है. एबीपी गंगा के संवाददाता कृष्ण कुमार ने शनिवार को ग्राउंड रिपोर्टिंग करते हुए नवाबगंज के बाढ़ क्षेत्रों का रियलिटी चेक किया. जहां पर तरबगंज और नवाबगंज के दोनों ब्लॉक क्षेत्र में बाढ़ से लोग बेहाल दिखाई दिए. कच्चे मकान पानी में डूब गए हैं और जो पक्के मकान हैं वहां पर लोग अपनी छतों पर गुजर बसर करने को मजबूर हैं.
इन इलाकों में लोग नाव का सहारा लेकर आ जा रहे हैं. जिला प्रशासन लगातार लोगों को राहत सामग्री खाद्य सामग्री व अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के दावे कर रहे हैं, लेकिन गांव में फंसे लोगों का कहना है कि उन्हें कुछ भी खाने पीने को नहीं मिल रहा है. बस आज के दिन पुराने प्रधान के द्वारा दो पैकेट पूरी सब्जी दिया गया है लेकिन इसमें क्या होगा.
बाढ़ का दंश झेलने के मजबूर लोग
सरयू नदी में बढ़े जलस्तर की वजह से ग्रामीणों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. हालांकि अब सरयू का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन लोगों की मुश्किलें देखकर लगता है कि इस बार दीपावली का त्योहार शायद उन्हें बाढ़ की त्रासदी के बीच ही बिताना पड़ेगा. चारों तरफ दूर-दूर सिर्फ पानी का मंजर और छतों पर फंसे लोग ये मंजर देखकर ही मन सिहर उठता है. जो लोग इसे सहने के मजबूर है सोचिये उनके दिल पर क्या गुजरती होगी. परेशानी का आलम ये है कि हर साल यहां के लोग इस तरह बाढ़ का दंश झेलते हैं.
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