Gonda News:गोंडा में नशीली दवाइयों का ऑनलाइन कारोबार करने वाले 3 आरोपी दबोचे गए, अमेरिका और यूरोप तक फैला है नेटवर्क
UP News: एसपी ने बताया, गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा अमेरिका और यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री के लिए Skype App पर अकाउंट बनाकर साइबर क्राइम शुरू किया गया था.
Uttar Pradesh News: यूपी में गोंडा की साइबर सेल और सर्विलांस सेल के साथ कोतवाली नगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित नशीली दवाइयों का ऑनलाइन कारोबार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर अपराधियों को गोंडा-लखनऊ राजमार्ग के पास से गिरफ्तार किया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार (USA, UK) में करोड़ों में नशीली दवाओं के कारोबार करने वाले (Online Drug Trafficking) साइबर अपराधियों के गिरोह का पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी घटना का खुलासा किया है. विदेशी कस्टमर्स द्वारा पकड़े गए साइबर अपराधी PayPal, MoneyGram, Western Union एवं क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भारत में स्थित अभियुक्तगण के खातों में करते थे.
पकड़े गए शातिर साइबर अपराधियों के पास से नगद रुपए के साथ प्रतिबंधित नशीली दवाओं के साथ एक चार पहिया वाहन बरामद किया गया है. अपराधी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऐप के माध्यम से ऑनलाइन ट्रक का कारोबार कर मोटा पैसा कमाते थे जिस पर नगर पुलिस और साइबर सेल ने मुखबिर की सूचना पर तीनों को गिरफ्तार किया है. तीनों में से दो गोंडा के रहने वाले हैं और एक लखनऊ का रहने वाला है. फिलहाल ने तीनों को गिरफ्तार कर अन्य कार्रवाई में जुटी हुई है.
नशीली गोलियों का जखीरा बरामद
जनपदीय साइबर, सर्विलांस सेल और कोतवाली नगर पुलिस को नशीली गोलियों के अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराधियों के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त होने पर गोंडा-लखनऊ रोड स्थित महिंद्रा एजेंसी के पास रविवार की रात्रि करीब 12.30 बजे हुंडई वरना कार से अब्दुल हादी, अब्दुल बारी, विशाल श्रीवास्तव को नशीली गोलियों, लैपटॉप और मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन व्यापार करते गिरफ्तार किया गया. अब्दुल हादी के पास से नशीली गोलियों का जखीरा बरामद हुआ जिसे वह बतौर सैम्पल अपने पास रखकर उनकी फोटो अपने ग्राहकों को भेजता था.
अब्दुल हादी के पकड़े जाने से नशीली गोलियों के अन्तर्राष्ट्रीय साइबर रैकेट की कार्य प्रणाली व अन्य कई जानकारी प्रकाश में आयी है. इसमें गोंडा पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई की जा रही है. पकड़े गए तीन साइबर अपराधियों के खिलाफ नगर पुलिस ने धारा 419,420 IPC व 66 IT एक्ट व 12/24 NDPS Act व धारा 8/21 NDPS Act के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है. पकड़े गए तीनों साइबर अपराधियों में से दो अब्दुल हादी और अब्दुल बारी कोतवाली नगर के जिगर स्कूल के पास के रहने वाले हैं और तीसरा आरोपी विशाल श्रीवास्तव लखनऊ के विभूति खंड का रहने वाला है. सभी अपराधियों की उम्र 19 से 30 साल के बीच बताई जा रही है.
जब नगर पुलिस ने 03 साइबर अपराधियों को पकड़ा तो उसके पास से भारी मात्रा में नशीली प्रतिबंधित दवा के साथ अन्य सामान व नगद रुपए बरामद हुए.प्रतिबंधित नशीली दवा अल्प्रासेफ 54 पत्ता (540 टैबलेट) एक लैपटॉप, 04 एंड्राइड मोबाइल, 01 हार्ड डिस्क, 04 एटीएम कार्ड, 01 पैन कार्ड, 01 आधार कार्ड, 01 ड्राइविंग लाइसेंस, 02 मेडिकल विजिटिंग कार्ड, 02 वोटर आईडी कार्ड, एक सफेद कार (हुंडई वर्ना), 3800 रुपये नकद बरामद किया है.
एसपी ने क्या बताया
वहीं घटना का खुलासा करते हुए गोंडा के पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि, इन लोगों के अपराध करने का तरीका हटके था. यह लोग साइबर अपराध से लोगों को गुमराह करते थे. गिरफ्तार अभियुक्त अब्दुल हादी द्वारा अमेरिका और यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री के लिए Skype App पर अपना अकाउंट बनाकर ड्रग्स बायर और पिल्स प्रोवाइडर से सम्पर्क कर यह ऑनलाइन साइबर क्राइम प्रारम्भ किया गया था. अभियुक्तों द्वारा 3 वर्ष में ही लगभग 5 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री ऑनलाइन तरीके से की गई और करीब 2 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त किया गया.
अभियुक्त विभिन्न ऐप्स से वर्चुअल नम्बर क्रिएट कर अपना मूल पहचान को छिपाते हुए उन वर्चुअल नंबरों से व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर व्हाइट पेज वेबसाइट से विदेशी कस्टमर्स का डेटा प्राप्त करते थे. प्राप्त डेटा के माध्यम से कस्टमर्स/प्रोवाइडर से चैट/बात कर मांग के अनुसार कस्टमर को प्रतिबंधित नशीली गोलियों की सप्लाई वहां के स्थानीय वेंडर्स से कराते थे. तीनों शातिर साइबर अपराधियों द्वारा पिछले डेढ़ वर्षों में ऐसे विदेशी नागरिकों व लोकल वेण्डर्स जिनका प्रतिबंधित नशीली दवाओं का स्टॉक अमेरिका में उपलब्ध था का डाटाबेस तैयार कर लिया गया था और वे अभियुक्तों के नियमित ग्राहक व विक्रेता बन गये थे.
इस तरह प्रतिबंधित नशीली दवाओं का ऑनलाइन व्यापार व्यापक रूप से चल रहा था. विदेशी कस्टमर्स द्वारा अभियुक्तों को PayPal, MoneyGram, Western Union और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भारत में स्थित अभियुक्तों के खातों में करते थे. पकड़े गए तीनों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करके न्यायालय के समक्ष पेश कर पुलिस कानूनी कार्रवाई में जुटी हुई है.