गोंडा: देवीपाटन मंडल के चारों जिलों बलरामपुर और श्रावस्ती राप्ती नदी से, गोंडा और बहराइच घाघरा नदी से प्रभावित होते हैं. बाढ़ की वजह से हजारों की संख्या में लोग यहां से पलायन करते हैं. हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद होती है. फिलहाल, घाघरा नदी का जलस्तर 12 सेंटीमीटर खतरे के निशान से नीचे है लेकिन नदी ने अपने तट पर कटान शुरू कर दी है और निचले इलाकों में पानी भी भरना शुरू हो गया है. निचले इलाकों में रहने वाले लोगों ने तटबंध या अन्य किसी ऊंचे स्थान पर अपना अस्थाई निवास बना लिया है. जब पानी ज्यादा हो जाएगा तो लोग ऐसे ही निवास में चले जाएंगे. 


पूरा नहीं हुआ है काम 
बहराइच को आदमपुर रेवली तटबंध, गोंडा को एल्गिन चरसडी व भिखारीपुर सकरौर तटबंध बाढ़ से बचाता है. लेकिन, प्रशासनिक और बाढ़ खंड की लापरवाही का नतीजा ये होता है कि प्रत्येक वर्ष ये तटबंध कट जाते हैं. अभी कुछ दिनों पहले ही भिखारीपुर सकरौर तटबंध के निरीक्षण में आए जल संसाधन मंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी. लेकिन, फिर भी अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका है. कुछ दिनों पहले ही देवीपाटन मंडल के मंडल आयुक्त एसवीएस रंगाराव ने भी भिखारीपुर सकरौर तटबंध का निरीक्षण किया था.


जिला अधिकारियों को दिया गया निर्देश 
देवीपाटन मंडल में बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच की बात की जाए तो सभी जिलों के जिला अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि लगातार मॉनिटरिंग करते रहें. डीएम और सर्किल ऑफिसर लगातार संबंधित जिलों के तटबंध की निगरानी कर रहे हैं. एक बार फिर से मंडल के सभी जिलों में बाढ़ से संबंधित निरीक्षण किया जाएगा. सोलर पैनल और सीसीटीवी कैमरा लगवाने के लिए मंडल के चारों जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया हैं.


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