Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) में पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से शारदा, सरयू और गिरजा बैराजों से 3,09,586 क्यूसेक पानी घाघरा नदी (Ghaghra river) में छोड़े जाने से घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर भले ही खतरे के निशान को छूकर 3 सेंटीमीटर नीचे हो गई हो लेकिन घाघरा नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. घाघरा नदी बांध से सटकर बह रही है. नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद कटान का खतरा बढ़ जाता है जिससे लोग दहशत में हैं.
दूसरी जगह जाने को मजबूर लोग
तरबगंज तहसील क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में नदी के किनारे बसे लोग नदी की कटान के चलते अपने आशियाने को उठाकर उचित स्थान पर जाने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि, लगातार कई सालों से आ रही बाढ़ से कई घर और कई बीघा खेत नदी में समाहित हो गए. हर साल नदी कटान करती है. फिलहाल जिला प्रशासन संभावित बाढ़ से निपटने के लिए तैयार है.
जिलाधिकारी ने क्या कहा
जिलाधिकारी ने बताया, घाघरा नदी खतरे के निशान के आसपास बह रही है और तहसील पर एली परसौली तटबंध पर घाघरा तटबंध से सटकर बह रही है. लगातार संबंधित विभाग के अधिकारी तटबंध का निरीक्षण कर रहे हैं और आसपास के गांव वालों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
नदी किनारे के लोगों में डर
बता दें कि, जब गोंडा में घाघरा नदी खतरे के निशान से 50 से 7 सेंटीमीटर ऊपर होती है तब तरबगंज तहसील और कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के 100 से अधिक गांव बाढ़ के दायरे में आते हैं और कई एकड़ फसल जलमग्न हो जाती है. फिलहाल अभी घाघरा नदी खतरे के निशान से 3 सेंटीमीटर नीचे बह रही है लेकिन नदी किनारे बसे लोगों डर है.
बांध का निरीक्षण हो रहा-डीएम
गोंडा के जिलाधिकारी ने बताया, नेपाल और तराई क्षेत्रों में बारिश होने के बाद घाघरा नदी में बारिश का असर पड़ता है. इस समय घाघरा नदी खतरे के निशान के आसपास बह रही है. प्रशासनिक अधिकारी लगातार बांध और तटबंध का निरीक्षण कर रहे हैं. कहीं-कहीं घाघरा नदी बिल्कुल बांध से सटकर बह रही है तो वहां पर बांध पर दबाव बना हुआ है. फिलहाल सिंचाई विभाग के अधिकारी बांध का निरीक्षण करे रहे हैं.
बांध की निगरानी की जा रही-डीएम
डीएम ने आगे कहा कि, सीसीटीवी से भी बांध का निगरानी की जा रही है. हमारे द्वारा और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों से कहा जा रहा है कि अगर बांध असुरक्षित लगता है तो उसके बारे में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बताएं. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और लगातार बांध की निगरानी की जा रही है.