Gonda News: मानसून के आने से घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से गोंडा के 15 गांव अचानक से बाढ़ जैसे हालात हो है. लेकिन घाघरा नदी का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है. नदी का जलस्तर शुक्रवार (12 जुलाई) के अनुसार खतरे के निशान से 2 सेंटीमीटर ऊपर है. गांव का पानी धीरे धीरे वापस जा रहा है. जिसके कारण हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए है. बाढ़ प्रभावितों को अब रोजमर्रा के काम व खाने पीने के लिए जूझना पड़ रहा है. साथ ही बाढ़ के कारण मांगलिक कार्यक्रम में भी परेशानियां बाढ़ प्रभावितों को उठानी पड़ रही है.


दरअसल अभी लगन का समय चल रहा है, जगह जगह शादी समारोह हो रहे है. बाढ़ क्षेत्रों में भी शादियां हो रही है. लेकिन बाढ़ के कारण शादी वाले घरों में कार्यक्रम अस्त व्यस्त हो चुकी है. बड़ी मुश्किल और जतन से शादियां निपटाई जा रही है. ऐसी ही एक तस्वीर गोंडा के तरबगंज तहसील के ब्योंदा माझा गांव से आई है. जहां पर पहले दूल्हा अपनी बारात लेकर नाव से निकला और फिर दुल्हन को विदा करके नाव से ही अपने घर लाया.


नाव में बाराती लेकर पहुंचा दूल्हा
ब्योंदा माझा के रहने वाले रामकुमार की शादी 11 जुलाई को थी. 11 जुलाई को बारात लेकर एली परसौली गांव जाना था. बाढ़ के कारण ब्योंदा माझा से बाहर निकलना मुश्किल और आवागमन पूरी तरह बाधित था. ऐसे में दुल्हा और बाराती 8 नाव में सवार होकर गांव के बाढ़ क्षेत्र से बाहर आई और वहां से गाड़ियों से होकर अपने गंतव्य तक पहुंची.  


नाव से ही विदा हुई दुल्हन
बारात जब वापस दुल्हन के साथ विदा होकर लौटी तो भी नाव सहारा लेना पड़ा. गांव वालों ने बताया कि शादी की डेट पहले से तय थी लेकिन बाढ़ समय से पहले अचानक ही आ गई. जिसके कारण शादी जैसे मांगलिक कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न हो गया. क्षेत्रीय स्तर पर अधिकारियों से यह बात की गई और आठ नावों की मांग की गई थी, लेकिन प्रशासन सिर्फ तीन नाव ही प्रशासन उपलब्ध करा पाया. इसके बाद ग्रामीणों ने खुद से ही तीन नाव का व्यवस्था की.सारे प्रावधानों के बाद भी ग्रामीणों ने खुद से व्यवस्था करके किसी तरह शादी कार्यक्रम को संपन्न कराया और अब दूल्हा दुल्हन अपने घर वापस पहुंच चुके हैं.


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