(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttar Pradesh: नवनियुक्त शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, वेतन भुगतान के लिये सरकार ने किया ये ऐलान
उत्तर प्रदेश में नव नियुक्त शिक्षकों को वेतन के लिये अब लंबा इंतजार नहीं करना होगा. सरकार ने इस संबंध में अब ये आदेश दिया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आखिरकार हजारों नए सहायक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को वेतन देने का फैसला किया है. राज्य सरकार उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता का लिखित अंडरटेकिंग लेकर वेतन का भुगतान करेगी. अपर मुख्य सचिव (बुनियादी शिक्षा) रेणुका कुमार ने महानिदेशक (स्कूली शिक्षा) विजय किरण आनंद को शीघ्र वेतन भुगतान के निर्देश दिए हैं.
सत्यापन की गति धीमी होने के चलते भुगतान में देरी
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि भुगतान में देरी विश्वविद्यालयों द्वारा मार्कशीट के सत्यापन की धीमी गति के कारण हुई. अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार स्कूल शिक्षा की महानिदेशक रेणुका कुमार से शिक्षकों से डिक्लेरेशन लेकर उनका वेतन बांटने को कहा गया है.
शिक्षकों को शपथ पत्र देना होगा कि सत्यापन प्रक्रिया में उनके दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर उनकी नियुक्ति रद्द हो जाएगी और वे वेतन को सरकारी खजाने में वापस कर देंगे. राज्य सरकार ने अक्टूबर और दिसंबर में सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती की थी.
हजारों शिक्षकों को अबतक नहीं मिला वेतन
शिक्षकों ने दावा किया कि उनमें से 50,000 से अधिक को उनके शामिल होने के छह महीने बाद भी वेतन नहीं मिला है. ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कुछ ने कोविड -19 के कारण दम तोड़ दिया.
बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की भर्ती करते समय हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और टीईटी की मार्कशीट का सत्यापन किया, लेकिन उनके स्नातक और बी.एड की मार्कशीट को उन विश्वविद्यालयों द्वारा सत्यापित किया जाना था, जहां से उन्होंने कोर्स किया था.
अधिकारियों ने बताई वजह
विभागीय अधिकारियों ने कहा कि चूंकि विश्वविद्यालय कम स्टाफ के साथ काम कर रहे हैं, इसलिए सत्यापन में समय लग रहा है. राज्य में जारी महामारी को ध्यान में रखते हुए राहत दी गई है, जिससे कई विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कार्य बाधित है, जिससे डिग्री का सत्यापन करना असंभव हो गया है.
आदेश आगे नव नियुक्त शिक्षकों को कानूनी परिणामों की चेतावनी दी गई है यदि बाद में सत्यापन के दौरान उनकी शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण नकली पाया जाती है. सभी जिलों के मूल शिक्षा अधिकारियों द्वारा शिक्षकों से वचनपत्र एकत्र कर सचिव (मूल शिक्षा परिषद) को भेजा जाएगा. सचिव मूल वचनपत्र रखेंगे और दस्तावेज की स्कैन की हुई डिजिटल प्रति निदेशक बेसिक (शिक्षा) के कार्यालय को सुरक्षित रखने के लिए भेजेंगे.
नाराज हुये थे मंत्री
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद द्विवेदी ने कहा, "मैंने नवनियुक्त शिक्षकों के लिए दस्तावेजों के सत्यापन की धीमी गति पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी, जो पिछले साल भर्ती हुए 69,000 सहायक शिक्षकों को वेतन देने में बाधा है. मैंने पूछा अधिकारियों ने काम में तेजी लाने के लिए कहा है.''
ये भी पढ़ें.
Ghaziabad: संदिग्ध हालात में पड़ोसी के घर पर मिली युवक की लाश, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप