देहरादून. तरह-तरह के पक्षियों को देखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. जो पर्यटक रॉयल ब्लू कलर और पीली चोंच वाली बेहद खूबसूरत ग्रेंडाला बर्ड को देखने अब तक सिक्कम का रूख करते हैं उनके लिए अब गंगोत्री घाटी भी एक उम्दा डेस्टिनेशन हो सकती है. गंगोत्री घाटी में भी ग्रेंडाला बर्ड का झुंड देखा गया है.
गंगोत्री नेशनल पार्क से लगे इस क्षेत्र में विंटर सीजन में स्नो लैपर्ड अच्छी संख्या में देखे जाते हैं. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट यहां स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर बनाकर इसे विकसित करने जा रहा है. अच्छी बात है कि इस बार इस घाटी में पक्षियों को देखने वाले लोगों की पहली पसंद माने जाने वाली ग्रेंडाला बर्ड भी रिपोर्ट की गई है. विंटर टूरिज्म की संभावनाओं को टटोलने के लिए फॉरेस्ट डिर्पाटमेंट द्वारा भेजी गई एक्सपर्ट की एक टीम को गंगोत्री घाटी के गंगनानी और डबराणी क्षेत्र में ग्रेंडाला बर्ड के झुंड दिखाई दिए. इस घाटी में आमील के पौधे पाए जाते हैं और ग्रेंडाला बर्ड का ये पसंदीदा भोजन है. इसके अलावा गंगोत्री घाटी के इस क्षेत्र में दो अन्य पक्षी भी रिपोर्ट किए गए हैं.
इन नतीजों से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट बेहद उत्साहित हैं. डिपार्टमेंट को उम्मीद है कि स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर को मिलाकर गंगोत्री घाटी को विंटर टूरिज्म की बेहतर डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किया जा सकता है.
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाई जाती है ग्रेंडाला
ग्रेंडाला आमतौर पर 9 हजार फीट की ऊंचाई पर पाई जाती है, लेकिन विंटर सीजन में बर्फबारी के कारण ये निचले क्षेत्रों में माइग्रेट कर जाती हैं. गंगोत्री घाटी में अब विंटर टूरिज्म के शौकीनों के लिए सिर्फ बर्फ से ढके पहाड़, साफ सुथरी गंगा ही नहीं बल्कि दुर्लभ स्नो लेपर्ड और ग्रेंडाला जैसी रॉयल ब्लू बर्ड भी देखने को मिलेगी.
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