UP News: शामली जिले (Shamli District) के चौसाना गांव (Chausana Village) की 4 हजार बीघा कृषि योग्य भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए 26 साल चल रहे धरने को गूगल (Goole) ने विश्व का सबसे लंबा धरना (Longest Protest) बताया है. इस जमीन के लिए मास्टर विजय सिंह (Master Vijay Singh) 35 साल की उम्र से धरने पर बैठे हैं. गूगल पर मास्टर विजय सिंह का नाम विश्व के सबसे बड़े धरने के साथ ट्रेंड कर रहा है. मास्टर के मुताबिक गूगल इंडिया हेड ने एक दिन पहले फोन कर उन्हें यह जानकारी दी.


लिम्का बुक में भी दर्ज है यह धरना
सार्वजनिक कृषि भूमि कब्जा मुक्त कराने की मांग के लिए विजय सिंह 26 साल से लगातार धरना दे रहे हैं. उनका धरना लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, वर्ल्ड रिकार्ड इंडिया और मीरा सेल्स ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुका है. मास्टर का कहना है कि जब तक शरीर में एक-एक सांस है तब तक वह इस लड़ाई को जारी रखेंगे. यह गांव शामली की ऊन तहसील के अंदर आता है. मास्टर ने 26 फरवरी, 1996 को मुजफ्फरनगर DM कार्यालय के सामने धरना शुरू किया था. लेकिन इस पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा जांच के आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है. 


योगी सरकार में क्या हुई कार्रवाई?


8 अप्रैल, 2019 को CM योगी ने शामली में हुई चुनावी सभा में मास्टर ने प्रदर्शन किया था. इसके बाद सीएम योगी ने DM शामली को जांच कराने के आदेश दिए थे. एसडीएम ऊन सुरेंद्र सिंह ने जांच कर DM को रिपोर्ट दी थी. इसमें सैकड़ों करोड़ की सार्वजनिक कृषि भूमि पर पूर्व विधायक ठा. जगत सिंह का अवैध कब्जा साबित हुआ था. रिपोर्ट में ठा. जगत सिंह को भू-माफिया घोषित करने की संस्तुति भी की गई थी. इसके बाद DM ने मौके पर पहुंचकर भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी थी. 


विजय सिंह का कहना है कि CM योगी ने शामली की भरी सभा में जो वादा किया था, उसे आज तक पूरा नहीं किया. उनके 5 साल के कार्यकाल में मास्टर विजय सिंह ने कई बार लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास जाकर योगी से मुलाकात का समय मांगा, मगर मिल नहीं पाए. वहीं, मास्टर विजय सिंह का कहना है कि उन्हें लखनऊ पुलिस द्वारा 5 दिन तक हिरासत में भी रखा गया था. 


सपा से लेकर बसपा तक से लगा चुके हैं गुहार


मास्टर की माने तो इससे पिछली सपा की सरकार में अखिलेश यादव के आश्वासन पर भी कुछ नहीं हो पाया. उनसे मुलाकात कर भूमि कब्जा मुक्त कराने की मांग की गई थी. इस पर जांच कमेटी गठित की गई, लेकिन आरोपियों के सपा में चले जाने से कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं, बसपा सरकार के दौरान प्रमुख गृह सचिव ने कार्रवाई का आदेश दिया था. इस पर जिला प्रशासन ने 300 बीघा भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराई थी. बाद में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई.


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अब इस मामले में शामली की जिलाधिकारी जसजीत कौर का कहना है कि उन्हें भी समाचार पत्रों के माध्यम से मास्टर विजय सिंह के धरने की जानकारी मिली है. बीते दिनों मास्टर विजय सिंह कार्यालय में उनसे मिलने के लिए भी आए थे. उन्होंने कहा कि मामला राजस्व परिषद में भी चल रहा है. कई बार तहसीलदार अभिलेख लेकर राजस्व परिषद में गए हैं. उन्होंने कहा है कि वह खुद भी मामले की जांच करवाएंगी और यदि कब्जा अवैध है तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.


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