Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की बेटी ने ब्राजील (Brazil) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतकर नया इतिहास रचा है. महज 12 साल की उम्र में डेफ ओलंपिक खेल रहीं आदित्या ने निर्णायक मैच में जापान को हराकर गोल्ड दिलाया. गौरतलब है कि बैडमिंटन की टीम चैंपियनशिप में भारत ने पहली बार गोल्ड मेडल जीता है. उनकी इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बधाई दी है.
डेफिलिंपिक में 2 मई को भारत ने टीम चैंपियनशिप में आगाज किया था
पूरा देश जब सो रहा था, तब गुरुवार को तड़के करीब साढ़े तीन बजे ब्राजील में भारत का तिरंगा झंडा लहरा रहा था. ब्राजील में 1 मई से शुरू हुए डेफिलिंपिक में 2 मई को भारत ने टीम चैंपियनशिप में आगाज किया था. पहले मैच में भी फ्रांस के खिलाफ भारत ने 4-1 से प्रतियोगिता जीती थी. उसमें भी उद्घाटन मैच मिक्स डबल्स में आदित्या यादव ने अपने जोड़ीदार रोहित भाकर के साथ खेला था.
भारत को दिलाई बढ़त
पहला मैच 21-15, 17-21, 21-16 से जीतकर भारत को मनोवैज्ञानिक बढ़त दिलाई थी. प्री क्वार्टर फाइनल में 3 मई को ब्राजील के खिलाफ आदित्या को खेलने का मौका नहीं मिला था. उसमें भारत ने 5-0 से ब्राजील को शिकस्त दी थी. क्वार्टर फाइनल में तुर्की के खिलाफ भारत ने पहले ही तीन-एक से मुकाबला जीत लिया, जिसके कारण पांचवां मैच जो आदित्या को खेलना था, उस मैच की जरूरत ही नहीं पड़ी.
सेमीफाइनल और फाइनल में आदित्या ने जीता निर्णायक मैच
सेमीफाइनल में बेहद मजबूत मानी जा रही और पिछली बार की गोल्ड मेडलिस्ट चीनी ताइपे से भारत का मुकाबला था. सेमीफाइनल के पहले मैच में मिक्स डबल में आदित्या और उनके जोड़ीदार अभिनव शर्मा नजदीकी मुकाबले में 21-17, 21-14 से हार गए. इसके बाद महिला सिंगल्स, पुरुष सिंगल्स और महिला डबल्स में लगातार तीन मैच जीतकर भारत ने फाइनल में प्रवेश किया.
फाइनल में बनाई जगह
सेमीफाइनल के चौथे और निर्णायक मैच में बुधवार की देर रात महिला डबल्स में आदित्या यादव ने अपनी जोड़ीदार जर्लिन के साथ 20-22, 23-21, 21-17 से चीनी ताइपे को हराकर फाइनल में जगह बनाई. धड़कनें रोक देने वाला यह मैच 51 मिनट तक चला. भारतीय समयानुसार गुरुवार को तड़के टीम चैंपियनशिप का फाइनल मैच खेला गया. इसमें भी आदित्या यादव और अभिनव शर्मा की जोड़ी पहला मैच 16-21, 11-21 से हार गई. उसके बाद महिला सिंगल्स और पुरुष सिंगल्स का मैच जीतकर टीम ने 2-1 की बढ़त बना ली. चौथा मैच महिला डबल्स में आदित्या यादव और उनकी जोड़ीदार जर्लिन ने 21-15, 21-15 से जापान को हराकर न सिर्फ फाइनल में निर्णायक जीत दिलाई बल्कि भारत को स्वर्ण पदक भी दिला दिया.
आदित्या 6 मई को करेंगी सिंगल्स में आगाज
डेफ ओलंपिक की बैडमिंटन प्रतियोगिताओं का ड्रॉ आ गया है. आदित्या 6 मई को सिंगल्स प्रतियोगिता में अपना पहला मैच खेलेंगी. उनका पहला मैच ब्राजील की सिंथिया क्यूरिनो सिल्वा से होगा. महिला डबल्स में 7 मई को आदित्या की जोड़ीदार गौरांशी शर्मा के साथ आगाज करेंगी. मिक्स डबल्स में 8 मई को अपने जोड़ीदार ऋतिक आनंद के साथ आगाज करेंगी. आदित्या और उनके जोड़ीदारों की बेहतरीन फॉर्म को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि इन प्रतियोगिताओं में भी भारत को पदक जरूर मिलेगा.
कौन है आदित्या यादव?
गोरखपुर के रहने वाले दिग्विजय यादव की 12 साल की बेटी आदित्या का जब जन्म हुआ तो उसके तीन साल बाद घर वालों को पता चला की उनकी बेटी सुन-बोल नहीं सकती है. इसके बाद परिवार काफी परेशान रहना लगा. पिता दिग्विजय यही सोचते थे कि उनकी इस बेटी का भविष्य क्या होगा, दिग्विजय बताते हैं कि एक दिन जब आदित्या ने रैकेट पकड़ा उसके पकड़ने के ढंग से ये लगा कि वो खेल सकती है. 5 साल की उम्र में आदित्या खेलने जाने लगी. फिर एक साल बाद ही आदित्या अपने से बड़ी उम्र के खिलाड़ियों को मात देनी शुरू कर दी. वह जिस टूर्नामेंट में पार्टिसिपेट करती उसे जीतकर आती थी. इस लिए छोटी सी उम्र में आदित्या का नाम गोल्डेन गर्ल पड़ गया.
जुनून देखकर पीवी सिंधू भी रह गई दंग
आदित्या यादव जब दस साल की थीं, तो उन्होंने चाइना में आयोजित वर्ल्ड चैम्पियनशीप में अपने टैलेंट का लोहा मनवाया था. वहीं एक बार जब दिल्ली में आदित्या एक टूर्नामेंट में खेल रही थीं, तब देश की महान बैंडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू भी उनका गेम देखकर दंग रह गईं थीं. आदित्या के पिता दिग्विजय यादव एक अच्छे बैंडमिंटन खिलाड़ी और कोच भी हैं, लिहाजा पीवी सिंधू ने उनसे बात करके कहा कि आदित्या का गेम अच्छा है, इसे आगे ले जाइए. कोई दिक्कत हो तो हमे भी बताइए. पीवी सिंधू ने आदित्या को कई अच्छे टिप्स भी दिए थे.
डेफ ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट आदित्या का सीएम योगी ने बढ़ाया उत्साह
आदित्या यादव की सफलता पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर उत्साहवर्धन किया और अपनी शुभकामनाएं दी. सीएम योगी ने ट्वीट में लिखा है, ‘‘ब्राजील #Deaflympics2021 की बैडमिंटन स्पर्धा में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक प्राप्त होने पर हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएं! इसमें गोरखपुर की बेटी आदित्या यादव ने जो अद्वितीय प्रदर्शन किया है, वह असंख्य खिलाड़ियों व बच्चों के लिए एक बेमिसाल प्रेरणा है. हमें आप पर गर्व है!’’
आदित्या नहीं मनाती संडे
आदित्या यादव बैडमिंटन को लेकर जुनूनी हैं. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि पिछले दो साल से आदित्या ने संडे नहीं मनाया. कोरोना काल में भी घर में दीवार पर प्रैक्टिस करती थीं. उस दौरान वह अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान देती थी. उनके पिता दिग्विजयनाथ यादव रेलकर्मी और रेलवे में बैडमिंटन के कोच हैं. उन्होंने ही आदित्या को निखारा है.
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