Gorakhpur Conjunctivitis News: यूपी में भीषण गर्मी और बारिश के बीच बदलते मौसम की वजह से आंखों में जलन और अन्य तरह के रोगों की वजह से चिकित्सकों के यहां मरीजों की कतारें लगी हैं. ऐसे में यूपी के गोरखपुर में आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) की दस्तक से हड़कंप मच गया है. सरस्वती बालिका विद्यालय के छात्रावास की 60 छात्राओं में आई फ्लू की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी लोगों को पूरी तरह से इस बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने की सलाह दे रहे हैं.
गोरखपुर के सूर्यकुंड स्थित सरस्वती बालिका विद्यालय के छात्रावास में रहने वाली 150 छात्राओं में एक सप्ताह पहले आंखों में जलन, लाली, कीचड़ और पानी आने की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी गई. दो दिन पहले 20 जुलाई को जब स्वास्थ्य महकमें को इसकी जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां पर हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं की जांच के लिए पहुंची. 150 में 60 छात्राओं में आई फ्लू (कंजेक्टिवाइटिस) की चिकित्सकों ने पुष्टि की. छात्राओं को जरूरी दवाएं देकर ठंडे पानी से आंख को धुलने और संक्रमण और गंदगी से बचने की सलाह दी गई.
सरस्वती बालिका विद्यालय सूर्यकुंड की 150 में से 50 छात्राओं को अलग-अलग जिले में रहने वाले उनके अभिभावक साथ घर लेकर चले गए. लेकिन अभी वर्तमान में 100 छात्राएं हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रही हैं. सरस्वती बालिका विद्यालय की कक्षा 9वीं की छात्रा अर्पिता चौधरी, कक्षा 11वीं की छात्रा कल्पना सिंह और त्रिशा सिंह ने बताया कि उन्हें दो से तीन दिन पहले रात में आंखों में जलन की शिकायत हुई. इसके बाद सुबह दोनों आंख लाल हो गई. आंख चिपकने लगी. इसके बाद आंखों में दर्द हो गया. चिकित्सक आए और दवा देकर गए. उन्होंने इसकी जानकारी अपने घरवालों को दी है. वे ठंडे पानी से अपनी आंखों को धो रही हैं. इससे काफी आराम है.
छात्राओं को घर लेकर जा रहे हैं अभिभावक
सरस्वती बालिका विद्यालय सूर्यकुंड के भगिनी निवेदिता (छात्रा निलयम) हॉस्टल की इंचार्ज रमा पाण्डेय ने बताया कि नए एडमीशन में एक लड़की आई. उसे दिक्कत हुई. इसके बाद तीन फ्लोर पर रहने वाली सभी 150 छात्राओं को दिक्कत हो गई. उन्होंने बताया कि 10 दिन पहले समस्या आई. इसके बाद हास्टल में 150 छात्राओं को तेजी से ये दिक्कत हो गई. उनमें से 50 घर चली गई हैं. इन्हें आंखों में जलन की शिकायत के साथ लालिमा आ गई. आंखों से पानी निकलने लगा था. सीएमओ के यहां से आई टीम ने छात्राओं की जांच के बाद उन्हें दवा दी थी. 90 प्रतिशत बच्चियों की आंखें पहले से ठीक हैं. उन्होंने बताया कि ये ऐसा इंफेक्शन है कि चार छात्राओं का ठीक होने के बाद 10 को हो जा रहा था. यही वजह है कि 50 छात्राओं को उनके अभिभावक घर लेकर चले गए हैं. सरस्वती शिशु मंदिर पक्कीबाग में भी बच्चों को दिक्कत की सूचना मिली है.
दो से तीन घंटे पर ठंडे पानी से आंखों को धुले
गोरखपुर के सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि बारिश के मौसम में वायरल, बैक्टीरियल और फंगल डिजीजेज बढ़ जाती है. अभी उनके यहां जिला चिकित्सालय, सीएचसी और पीएचसी में छुटपुट केस आ रहे हैं. एक छात्रावास में 50 से 60 बच्चियों की आंख में लालिमा, करकराहट और जलन की सूचना मिली. वहां पर चिकित्सकों की टीम को भेजकर जांच और दवा उपलब्ध कराई है. उन्होंने कहा कि आंखों को दुरुस्त रखने के लिए उन्हें नम रखना सबसे बेहतर तरीका है. हर दो से तीन घंटे पर ठंडे पानी से आंखों को धुले और अनावश्यक किसी चीज को छूने के बाद आंखों को मलने से बचें. घर से बाहर निकलने पर धूप का चश्मा लगाएं. पावर के चश्मे को किसी संक्रमित टेबल और अन्य स्थानों पर न रखें. किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर चिकित्सक को दिखाएं और दवाएं लें.