UP News: क्या आपको शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश के नाम पर फायदा दिलाने के लिए फोन कॉल आते हैं. अगर आपको ऐसे कॉल आते हैं तो बिना सोचे-समझे कॉल करने वाले व्यक्ति पर यकीन न करें. दरअसल, साइबर ठग इन दिनों शेयर बाजार में निवेश के इच्छुक लोगों को निशाना बना रहे हैं. यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां साइबर ठगों ने एक युवक को 7.6 लाख रुपए का चूना लगा दिया. हालांकि साइबर सेल (Cyber Cell) की तत्परता से युवक के रुपए खाते में वापस करा दिए गए.
गोरखपुर के सहजनवां के नई कालोनी निवासी अभिजीत तिवारी कॉमर्स से ग्रेजुएट हैं. वे शेयर बाजार की भी जानकारी रखते हैं. उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर छह महीने पहले एक अनजान युवक की कॉल आई. उसने बताया कि उनकी एक एडवाइजरी कंपनीहै, जो शेयर बाजार में रुपए इनवेस्ट कराकर अच्छा लाभ दिलाती है. वह चाहें तो उनके माध्यम से शेयर बाजार में अच्छा खासा फायदा कमा सकते हैं. इसके बदले में कंपनी कुछ कमीशन लेती है.
विश्वास करना पड़ गया महंगा
अभिजीत ने युवक पर विश्वास कर उसने बताया कि पहली बार में उसे 35 हजार 500 रुपए इनवेस्ट किया. पहला प्रॉफिट 10,500 रुपए का फायदा हुआ. एडवाइजर बने साइबर ठग ने बताया कि उनकी फीस 35 हजार रुपए है. इसके लिए उसने 25 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद उसने एक और अच्छी स्कीम के बारे में बताया और पहले 50 हजार फिर दो लाख रुपए ले लिए. इसमें अभिजीत को हफ्ते भर में 40 हजार रुपए का फायदा कमा लिया. अभिजीत से दो लाख रुपए और मांगे गए. ऐसा करते करते अभिजीत ट्रेडिंग अकाउंट में 7 लाख 60 हजार 500 रुपए जमा कर चुके थे.
हवाला के जरिए मांगने लगा पैसा
इसके बाद कॉल करने वाले व्यक्ति ने फोन लेना बंद कर दिया और एक दिन हवाला के जरिए 20 लाख रुपए मांगने लगा. अभिजीत को तब अहसास हुआ कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. अभिजीत ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई और फिर अकाउंट ब्लॉक करवाया. पुलिस की मदद से उनके सारे पैसे भी उन्हें मिल गए. पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी.
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साइबर थाने के इंस्पेक्टर ने बताया कि उपेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सहजनवां के रहने वाले अभिजीत तिवारी शेयर मार्केट में काफी दिनों से इनवेस्ट कर रहे थे. उन्होंने बताया कि अभिजीत के पास कॉल आई. उसने बताया कि उसकी कंपनी शेयर मार्केट में इनवेस्ट करवाती है. यह कंपनी मध्य प्रदेश के उज्जैन की है जो कि अश्वनी रिसर्च एण्ड कंसल्टेसी के नाम से रजिस्टर्ड है. वहीं, गोरखपुर के डीआईजी जे. रविन्द्र गौड़ ने बताया कि अभिजीत के रुपए रिकवर कराकर उनके खाते में भेज दिए गए. साइबर पुलिस की तत्परता से यह सफलता मिली.
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